भारत मां का मुकुट

हमारे पास फ़रवरी 1994 में भारतीय संसद में पारित प्रस्ताव पहले से मौजूद है

भारत मां का मुकुट

भारतीय सेना पीओके लेकर भारत सरकार को सौंप सकती है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस लेने के संबंध में दिया गया बयान स्वागत-योग्य है। संपूर्ण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत मां का मुकुट है, जिसे पुन: प्राप्त करना एवं उसकी उचित प्रतिष्ठा करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। 

हमारे पास फ़रवरी 1994 में भारतीय संसद में पारित प्रस्ताव पहले से मौजूद है। रक्षा मंत्री के बयान के बाद भारतीय सेना की ओर से उत्तरी कमांड के कमांडर-इन-चीफ़ लेफ़्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जो प्रतिक्रिया दी है, वह बिल्कुल संतुलित और प्रासंगिक है। सेना ने उचित ही कहा है कि वह भारत सरकार से मिलने वाले हर आदेश का पालन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। 

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में पाक प्रायोजित आतंकवाद के कारण अब तक जो अप्रिय अध्याय शामिल हो गए, उनके बदले सुनहरा भविष्य तभी लिखा जा सकता है, जब भारत की उस धरती (पीओके) पर संवैधानिक रूप से भी भारत का अधिकार हो जाए, वहां तिरंगे का शासन कायम हो जाए। भारत को एक बार दृढ़ता से इच्छाशक्ति दिखाने की जरूरत है। उसमें समय लग सकता है, लेकिन यह कार्य असंभव नहीं है। 

भारतीय सेना पीओके लेकर भारत सरकार को सौंप सकती है। पूर्ववर्ती सरकारों ने कश्मीर को लेकर पाक की तमाम बदमाशियों के बावजूद बहुत सब्र और धीरज दिखाया। युद्ध तक लड़े। विडंबना है कि भारत अपनी ही ज़मीन पाने के लिए आक्रमणकारी का सामना करता रहा और वह (पाक) अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे ही आक्रांता घोषित करता रहा।

मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निष्क्रिय करने के बाद जिस तरह इस पड़ोसी देश की गीदड़ भभकियों की उपेक्षा की, उससे विश्व को यह संदेश गया कि बीते ज़माने की बातें बीत चुकी हैं, भारत किसी दबाव में आने वाला नहीं है। अब सेना ने रक्षा मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देकर एक बार फिर देशवासियों को अपने लक्ष्य का स्मरण करा दिया है। यह मात्र सेना का लक्ष्य नहीं है। समस्त भारतीयों को अपने इतिहास के उन अध्यायों का स्मरण करते रहना चाहिए, जब मेजर सोमनाथ शर्मा समेत सैकड़ों सैनिकों, नागरिकों ने देश के इस मुकुट की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। 

पाक ने जम्मू-कश्मीर हथियाने के लिए भारत पर बार-बार हमले किए। यह हमारी शराफत थी कि इतना बड़ा देश और इतनी बड़ी सेना होने के बावजूद हमने बहुत धैर्य रखा, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। अब सेना की रिपोर्टें बता रही हैं कि इस समय जम्मू-कश्मीर में लगभग 300 आतंकवादी हैं। लगभग 160 आतंकवादी सीमा पार करके घुसपैठ की फिराक में हैं। 

चूंकि सर्दियां शुरू हो गई हैं। कश्मीर के कई इलाकों में बर्फबारी होगी। ऐसे में आतंकवादी इन मौकों का इस्तेमाल करेंगे। इस बात की भरपूर संभावना है कि आने वाले समय में बड़ी तादाद में आतंकवादी मारे जाएंगे। सेना की ये कार्रवाइयां भी संपूर्ण जम्मू-कश्मीर की पुन: प्रतिष्ठा का एक हिस्सा हैं, जिससे भारत की विजय का मार्ग प्रशस्त होगा, पीओके से पाक का पंजा टूटेगा और एक दिन उस संपूर्ण भूमि पर तिरंगा लहराएगा।

Google News

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

शास्त्र साक्षी हैं, विनाश उनका होता है, जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं: मोदी शास्त्र साक्षी हैं, विनाश उनका होता है, जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं: मोदी
सलेम/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तमिलनाडु के सलेम में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। इस दौरान...
राजग में आएगी मनसे? राज ठाकरे ने की अमित शाह से मुलाकात
पशुपति कुमार पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया
केरल: प्रधानमंत्री मोदी ने पलक्कड़ में रोड शो किया
राष्ट्रपति ने तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदराजन का इस्तीफा स्वीकार किया
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बेंगलूरु में मशहूर भोजनालय चेन पर छापा मारा
महाराष्ट्र: गढ़चिरौली में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 4 नक्सली ढेर