अपोलो अस्पताल के पास नहीं है जयललिता के रक्त का नमूना

अपोलो अस्पताल के पास नहीं है जयललिता के रक्त का नमूना

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने अपोलो अस्पताल को पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के रक्त का नमूना पेश करने का निर्देश दिया था। गुरुवार को अस्पताल ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि उनके पास जयललिता का कोई बायलॉजिकल सैंपल नहीं है। अपोलो अस्पताल के अधिवक्ता मोहन कुमार ने गुरुवार को उच्च न्यायालय को रिपोर्ट पेश किया और इसी रिपोर्ट में न्यायालय को इस बात की जानकारी दी है।अपोलो अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अस्पताल में जयललिता का इलाज २२ सितम्बर से लेकर ५ दिसंबर तक चला था। इस अवधि के दौरान जयललिता के स्वास्थ्य की जांच करने और उनकी चिकित्सकीय समस्याओं के विश्लेषण के लिए उनके रक्त और कोशिकाओं का नमूना प्राप्त किया गया था लेकिन इलाज के दौरान इनका पूरी तरह से उपयोग कर लिया गया और इस कारण से मौजूदा समय में अस्पताल के पास पूर्व मुख्यमंत्री का कोई भी जैविक नमूना नहीं है।दरअसल, एक महिला ने दावा किया था कि वह जयललिता की बेटी है। महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि जया की बहन ने उसे गोद लिया था और इस बारे में उसे पिछले वर्ष दिसंबर में पता चला। महिला ने डीएनए जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया था। महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अस्पताल से सवाल किया था कि क्या डीएनए जांच कराने के लिए कोई सैंपल अस्पताल के पास है। गौरतलब है कि जयललिता को २२ सितंबर २०१६ को बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और ५ दिसंबर को उनका निधन हो गया था। अपोलो अस्पताल द्वारा जयललिता के रक्त या किसी भी प्रकार के जैविक नमूना होने से इंकार करने के बाद बस सिर्फ एक विकल्प बच गया है। यदि जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार या उनके भतीजे दीपक जयकुमार अपने रक्त का नमूना देने के लिए तैयार होते हैं तो याचिका दायर करने वाली महिला के डीएनए जांच की पुष्टि हो सकती है। हालांकि अदालत द्वारा अभी तक दीपा जयकुमार या दीपक जयकुमार को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

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