क्या झूठे हैं ड्रोन प्रताप के दावे?
क्या झूठे हैं ड्रोन प्रताप के दावे?
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कबाड़ से ड्रोन बनाने का दावा करने वाले एनएम प्रताप को लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठ रहे हैं। ‘ड्रोन प्रताप’ के नाम से मशहूर युवक के बारे में एक वेबसाइट ने जांच-पड़ताल कर जब रिपोर्ट प्रकाशित तो यह मामला सोशल मीडिया पर छा गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन विकसित करने के लिए पदक और पुरस्कार जीतने का दावा करने वाले प्रताप का ड्रोन एक्सपो की पुरस्कार-विजेता सूची में नाम नहीं है। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग प्रताप के दावे पर सवाल उठाने लगे।#DronePrathap #droneboy Finally Got the confirmation from Official!#CeBIT #iREX #FakePrathap pic.twitter.com/mbfvhgC6SC
— 🕉️Chowkidar Nithesh 🇮🇳 (@IamNithu9) July 16, 2020
रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट ने प्रताप से जुड़े उन दावों की विस्तृत जांच की, जिनमें कहा गया था कि वे टूटे हुए मिक्सर ग्राइंडर और टीवी का उपयोग करके 600 से अधिक ड्रोन बना चुके हैं। इन दावों में यह भी कहा जाता है कि प्रताप के पास इसके प्रमाण के तौर पर दस्तावेज और पुरस्कार भी हैं जो उन्होंने विभिन्न अवसरों पर जीते हैं।
दावों पर सवाल उठने के बाद प्रताप ने कहा कि अगले सप्ताह वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पुरस्कारों का विवरण देंगे ताकि यह साबित हो जाए कि वे वास्तव में ये पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
I'm confused man!!
Who is telling lie??? Who is right??? #DronePrathap you have to answer😑 pic.twitter.com/en3HCCUNbV— G1_appu__ (@JeevanMappu) July 13, 2020
जब साक्षात्कारकर्ता ने उनसे ई-कचरे से बने ड्रोन के किसी भी सबूत के अभाव के बारे में सवाल किया तो उन्होंने आरोप लगाया कि दावों की पड़ताल करने वाली वेबसाइट के निहित स्वार्थ हैं। साथ ही प्रताप ने कहा कि वे बौद्धिक संपदा अधिकार के मुद्दों के कारण ड्रोन को सार्वजनिक नहीं करेंगे। इस तरह उन्होंने जो ड्रोन बनाने का दावा किया था, उसे प्रदर्शित करने से इनकार कर दिया या इसका कोई प्रमाण नहीं दिया।
बता दें कि प्रताप के बारे में सोशल मीडिया पर ऐसे दावे मौजूद हैं कि उन्होंने ड्रोन बनाने के कार्य में कई गोल्ड मेडल जीते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि उन्होंने 2018 में जर्मनी के हैनोवर में तीन अवॉर्ड जीते। इसके अलावा भी कई कार्यक्रमों में मेडल जीतने के दावे मौजूद हैं। हालांकि, वेबसाइट ने अपनी पड़ताल में पाया कि इन दावों में कई खामियां हैं।
एक ट्विटर यूजर ने प्रताप के दावों को खारिज करते हुए एक पत्र पोस्ट किया है जिसमें एक संस्थान ने कहा कि उसने ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित ही नहीं किया। नीतीश नामक यूजर इस मामले पर चुटकी लेते हुए कहते हैं, ‘मैंने अपने आविष्कार के लिए शॉपिंग वेबसाइट से तीन मेडल ऑर्डर किए हैं।’ इसके अलावा, कुछ यूजर्स ने यह भी कहा है कि प्रताप को अपने दावों के पक्ष में मीडिया के सामने प्रमाण प्रस्तुत करने चाहिए ताकि शक की कोई गुंजाइश ही न रहे।