सड़क दुर्घटना में युवा प्रवासी की दर्दनाक मौत

सड़क दुर्घटना में युवा प्रवासी की दर्दनाक मौत

चेन्नई/दक्षिण भारत। अपने घर से किराने की दुकान पर खरीदारी करने गए एक युवक के लिए स्थानीय प्रशासन की लापरवाही काल बनकर आई। शनिवार सुबह 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंबुज कठौतिया जब बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तो स्टीफेनसन रोड और डॉ. अंबेडकर कॉलेज रोड जंक्शन के पास उनकी बाइक फिसल गई और वे मद्रास ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बस के पहिए के नीचे आ गए। हादसे के बाद स्थानीय लोगों में बेहद आक्रोश है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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लोगों का कहना है कि अंबुज कठौतिया जिस इलाके से गुजर रहे थे, वहां बड़ी संख्या में इमारतें बन रही हैं और उनके निर्माता बड़े-बड़े ढांचे खड़े करने के बाद आस-पास के इलाकों की सफाई की जहमत तक नहीं उठाते। वे इस मामले में उदासीन हैं। इसे पूरी तरह से स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का नतीजा मानते हुए युवक की मौत से लोग उत्तेजित हो गए। वे अपना रोष जताने के लिए सड़कों पर उतर आए। अंबुज जिस एमटीसी बस की चपेट में आए वह पेरियार नगर और ब्रॉडवे के बीच अपनी सेवाएं दे रही थी।

जान पर भारी प्रशासन की लापरवाही
हादसे के वक्त मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि अंबुज की बाइक सड़क पर पड़े कीचड़ के ढेर की वजह से फिसल गई। यह कीचड़ इमारत निर्माण की सामग्री ढोने वाले ट्रकों से गिरने के कारण काफी समय से यहीं पर मौजूद है। इसकी सफाई भी किसी ने नहीं करवाई। इससे लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

हादसे के बाद विरोध प्रदर्शन करते आक्रोशित लोग।

कचरे की सफाई को लेकर यह उदासीनता तब दिखाई जा रही है, जब यहां अंबुज से पहले भी कई लोग हादसों के शिकार हो चुके हैं। इसी स्थान पर पूर्व में 17 वर्ष की एक लड़की और 70 वर्ष के बुजुर्ग भी हादसों के शिकार हो चुके हैं। ये हादसे पिछले चार-पांच महीनों के दरम्यान ही सामने आए हैं। इस इलाके में जमीन के प्लॉट काटे जा रहे हैं। साथ ही यहां से अन्य स्थानों पर भारी मात्रा में मिट्टी का परिवहन किया जा रहा है। इसकी वजह से भारी मात्रा में काली मिट्टी ट्रकों से गिरकर सड़क पर जमती जा रही है। बारिश होने पर इस मिट्टी के कारण वाहनों के फिसलने और लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले बढ़ जाते हैं।

चेताया, फिर भी सोए रहे जिम्मेदार
प्रशासन की उदासीनता को अंबुज कठौतिया की मौत का मुख्य जिम्मेदार मानते हुए स्थानीय लोग हादसे के तुरंत बाद भारी संख्या में सड़क पर उतर आए। उन्होंने तत्काल ओट्टेरी की सड़क पर वाहनों की आवाजाही रोक दी और नॉर्थ टाउन इस्टेट पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्होंने प्रशासन को इस स्थान पर काली मिट्टी का खतरनाक जमाव होने की जानकारी कई बार लिखित रूप से दी थी, लेकिन प्रशासन ने इन पत्रों की लगातार अनदेखी की जिससे समाज के युवा को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।

हादसे के बाद खुली नींद
काफी समय तक सड़क पर वाहनों की आवाजाही रोकने के बाद पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार कर पुलियांतोप स्थित मैरेज हॉल पहुंचा दिया। वहीं, इस प्रदर्शन के बाद चेन्नई कॉर्पोरेशन की नींद खुली और अधिकारियों ने तत्काल इस सड़क पर जमी फिसलनदार मिट्टी की सफाई करने के लिए बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को सक्रिय कर दिया।

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