रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर व्यापक रिपोर्ट दाखिल करे बीबीएमपी: उच्च न्यायालय

रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर व्यापक रिपोर्ट दाखिल करे बीबीएमपी: उच्च न्यायालय

अदालत का निर्देश विल्सन गार्डन रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर आया है


बेंगलूरु/दक्षिण भारत/भाषा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को आठ सप्ताह के भीतर नगर निकाय के रिहायशी इलाकों में वाणिज्यिक गतिविधियों पर एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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अदालत का निर्देश विल्सन गार्डन रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर आया है, जिसमें बीबीएमपी को रिहायशी इलाके विल्सन गार्डन में व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने बीबीएमपी को विल्सन गार्डन क्षेत्र के मुख्य अभियंता के माध्यम से उक्त क्षेत्र की व्यावसायिक गतिविधियों का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारी एक योजना तैयार करेंगे, जिसे तीन सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।

अदालत ने आवासीय क्षेत्रों में वाणिज्यिक गतिविधि, उन्हें निर्देशित करने वाले नियमों और विनियमों के अलावा, जारी की जा सकने वाली सशर्त अनुमतियां और समय-समय किए गए मूल्यांकन पर एक व्यापक रिपोर्ट आठ सप्ताह के भीतर दर्ज करने का भी निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि विल्सन गार्डन इलाके में 14 चौराहे हैं और पिछले चार वर्षों में कई अवैध व्यावसायिक परिसरों का यहां निर्माण किया गया है।

उन्होंने याचिका में दावा किया कि 115 वाणिज्यिक परिसरों में से केवल आठ के पास बीबीएमपी की आधिकारिक मंजूरी है।

याचिका में यह भी शिकायत की गई है कि सड़क के दोनों ओर देर रात तक व्यावसायिक गतिविधियां स्थानीय निवासियों के लिए खतरा साबित हो सकती हैं।

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