पहचान छिपाकर हिंदू युवतियों से धोखा, एक को तलाक, दूसरी के साथ यौन शोषण करता रहा दानिश अली
पहचान छिपाकर हिंदू युवतियों से धोखा, एक को तलाक, दूसरी के साथ यौन शोषण करता रहा दानिश अली
कानपुर/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक युवती ने मुस्लिम युवक पर अपनी पहचान छिपाकर धोखाधड़ी कर यौन शोषण का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार, एक बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनी में बतौर मैनेजर कार्यरत मुस्लिम युवक ने दो हिंदू युवतियों को अपना परिचय हिंदू के रूप में दिया और बाद में उनका यौन शोषण किया। आरोप के अनुसार, युवक ने एक युवती से तो शादी भी की लेकिन थोड़े दिनों बाद ही उसे तलाक दे दिया।
उसने दूसरी हिंदू युवती से अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर सगाई की और कई सालों तक उसका यौन शोषण करता रहा। धोखाधड़ी की शिकार हुईं ये युवतियां अब स्थानीय हिंदूवादी संगठनों से मदद की गुहार लगाकर इंसाफ के लिए पुलिस थानों के चक्कर लगा रही हैं।पहले दोस्ती, फिर प्यार का नाटक
बताया गया है कि आरोपी युवक का नाम दानिश अली है, जो चकेरी थाना क्षेत्र के जाजमऊ का निवासी है। वह 2009 में मप्र के होशंगाबाद में नौकरी करता था। वहां एक युवती ने फार्मा कंपनी से दवा मंगाई। इसी सिलसिले में उसकी मुलाकात दानिश से हुई। युवक ने अपनी पहचान छिपाकर जॉन सलूजा के तौर पर युवती से दोस्ती की और बाद में प्यार का नाटक कर शादी का प्रस्ताव रख दिया।
युवती उसकी बातों में आ गई और शादी के लिए हां कर दी। दानिश उस युवती को कानपुर के आर्य समाज मंदिर में ले आया और शादी कर ली। शादी के बाद उसने अपनी असल पहचान बताई और युवती पर जुल्म करने लगा। उसने युवती के साथ निकाह भी किया। वह उसे कभी कानपुर लाता तो कभी मप्र ले जाता। इस दौरान युवती गर्भवती हुई लेकिन उसका जबरन गर्भपात करवा दिया।
तलाक देकर घर से निकाला
दानिश की इन हरकतों का युवती विरोध करती तो उसके साथ मारपीट की जाती। आखिर में उसे तलाक देकर घर से निकाल दिया। युवती ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक इंसाफ का इंतजार है।
होटल मैनेजर की बेटी को फांसा
इसके बाद दानिश ने 2014 में इंदौर के एक होटल मैनेजर की बेटी को बातों में फंसाकर उससे दोस्ती की। यहां भी उसने अपनी पहचान छिपाई और गलत नाम से परिचय दिया। उसने खुद का नाम राज उपाध्याय बताया और 2016 में युवती से सगाई कर ली। उसके बाद वह युवती को शादी के सपने दिखाकर उसका यौन शोषण करता रहा।
दानिश का भंडाफोड़ उस समय हुआ जब एक दिन युवती को उसके बैग से पहचान पत्र मिला। उसमें युवक का नाम दानिश अली लिखा हुआ था। यह देख युवती के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसके बाद दानिश ने अपना झूठ छिपाने के लिए एक और झूठी कहानी गढ़ी। उसने कहा कि वह मेरठ का निवासी है। उसके पिता हिंदू ब्राह्मण हैं, जबकि मां मुसलमान है। दानिश ने कहा कि पिता हिंदू धर्म का पालन करते हैं।
दिखाता रहा शादी के हसीन सपने
युवती ने दानिश की करतूतों के बारे में बताया कि उसने 2014 में दोस्ती की थी। अगले ही साल उसने शादी का प्रस्ताव रख दिया। युवती के माता-पिता ने दानिश के माता-पिता से बात की तो उन्होंने कहा कि बड़े बेटे की शादी के बाद छोटे की शादी करेंगे। फिर दानिश ने खुद का तबादला गोरखपुर होने का दावा किया। हालांकि वह फोन के जरिए युवती के संपर्क में रहा। वह उसके घर आता था और शादी के सपने दिखाकर कहता कि एक बार इंदौर तबादला हो जाए, फिर दोनों शादी के बंधन में बंध जाएंगे।
ऐसे खुली पोल
युवती ने बताया कि दानिश 2018 में दिवाली के मौके पर घर आया तो उसकी पोल खुली। उस समय युवती को उसके बैग से एक परिचय पत्र मिला। उस पर युवक का नाम दानिश अली लिखा था। इससे युवती को बड़ा झटका लगा लेकिन उसने तुरंत ही दानिश से कुछ नहीं पूछा। फिर इस साल जनवरी में वह दोबारा घर आया तो पहचान पत्र का जिक्र किया।
भंडाफोड़ के बाद रोने लगा
खुद को फंसता देख दानिश अली रोने का नाटक करने लगा। उसने खुद के पिता के ब्राह्मण और मां के मुसलमान होने का दावा किया। अगले दिन वो चुपचाप घर से चला गया। बाद में जब युवती ने दानिश से बात की तो उसने साफ कहा कि अब हमारी शादी नहीं हो सकती। उसने कहा कि तुम्हें पता चल गया कि मैं मुसलमान हूं और तुम ब्राह्मण की लड़की हो। मेरी तो शादी हो चुकी है।
माथे पर तिलक, हाथ पर कलावा
युवती ने बताया कि करीब पांच साल तक दानिश ने उससे दोस्ती का दिखावा किया लेकिन इस दौरान उसने कभी यह पता नहीं चलने दिया कि उसकी असल पहचान कुछ और है। वह माथे पर तिलक लगाता और हाथ पर कलावा भी बांधता। यही नहीं, इन वर्षों में जितने भी बड़े त्योहार आए, उसने युवती के परिजनों के साथ ही मनाए। वह 2016 के बाद हर दिवाली को घर आया।
युवती ने आरोप लगाया है कि जब वह इस मामले में अपने बयान दर्ज कराने गई तो दानिश के भाई ने उस पर तेजाब डालने की धमकी दी। युवती ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
वहीं, इस पर एसपी (पूर्वी) राजकुमार ने कहा है कि ये दो मामले हैं। चकेरी थाने में पीड़िता ने आईपीसी-420 और अन्य अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया। इसमें दानिश अली और उसके परिवार के लोग नामजद हैं। यह मामला उच्च न्यायालय में है। दूसरा मामले में दानिश अली उर्फ जॉन सलूजा उर्फ राज उपाध्याय के खिलाफ इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज है।
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