मोदी ने दिल्ली मेट्रो की ‘मेजेंटा लाइन’ पर भारत की पहली चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन किया

मोदी ने दिल्ली मेट्रो की ‘मेजेंटा लाइन’ पर भारत की पहली चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन किया

मोदी ने दिल्ली मेट्रो की ‘मेजेंटा लाइन’ पर भारत की पहली चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली मेट्रो की ‘मेजेंटा लाइन’ पर भारत की पहली चालक रहित मेट्रो का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे आज से लगभग तीन साल पहले मेजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी रूट पर देश की पहली ऑटोमेटिड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला। यह दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है।

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मोदी ने कहा कि आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है। पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी। आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है।

मोदी ने कहा कि कुछ दशक पहले जब शहरीकरण का असर और शहरीकरण का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा। भविष्य की जरूरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी।

मोदी ने कहा कि इस सोच से अलग, आधुनिक सोच यह कहती है शहरीकरण को चुनौती न मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए। एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। एक ऐसा अवसर जिससे हम ईज आफ लिविंग बढ़ा सकते हैं। सोच का यह अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है।

मोदी ने कहा कि 2014 में सिर्फ पांच शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं। आरआरटीएस- दिल्ली मेरठ आरआरटीएस का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा।

मोदी ने कहा कि उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है। यह सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। जिन शहरों में सवारियां और भी कम हैं, वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। यह सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- यह भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है।

मोदी ने कहा कि मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गई है।

मोदी ने कहा कि आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे मेक इन इंडिया के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है।

मोदी ने कहा कि आधुनिकीकरण के लिए एक ही तरह के मानक और सुविधाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉमन मोबिलिटी कार्ड इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आप जहां कहीं से भी यात्रा करें, आप जिस भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करें, यह एक कार्ड आपको इंटीग्रेड एक्सेस देगा।

मोदी ने कहा कि आज तमाम व्यवस्थाओं को एकीकृत करके देश की ताकत को बढ़ाया जा रहा है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत को मजबूत किया जा रहा है। वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की तरह ही बीते वर्षों में हमारी सरकार ने देश की व्यवस्थाओं का एकीकरण करने के लिए अनेक काम किए हैं।

मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन फास्टैग से देशभर के हाइवे पर ट्रैवल सीमलेस हुआ है। वन नेशन, वन टैक्स यानी जीएसटी से देशभर में टैक्स का जाल समाप्त हुआ है। वन नेशन, वन पावर ग्रिड से देश के हर हिस्से में पर्याप्त और निरंतर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। बिजली का नुकसान कम हुआ है।

मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन गैस ग्रिड से उन हिस्सों की सीमलेस गैस कनेक्टीविटी सुनिश्चित हो रही है, जहां गैस आधारित जीवन और अर्थव्यवस्था पहले सपना हुआ करता था। वन नेशन, वन हैल्थ एश्योरेंस स्कीम यानी आयुष्मान भारत से देश के करोड़ों लोग, पूरे देश में कहीं भी इसका लाभ ले रहे हैं।

मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन राशनकार्ड से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है। इसी तरह नए कृषि सुधारों और ई-एनएएम जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।

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