मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्यकर्मियों को हमलों से सुरक्षा प्रदान करने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दी
मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्यकर्मियों को हमलों से सुरक्षा प्रदान करने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दी
नई दिल्ली/भाषा। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस आशय की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।
#Cabinet approves promulgation of Ordinance to amend the Epidemic Diseases Act, 1897 making such acts of violence as cognizable and non-bailable offences and to provide compensation for injury to healthcare service personnel or for causing damage or loss to the property pic.twitter.com/bzB0VMVVUs
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) April 22, 2020
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जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा तथा उनके रहने एवं काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी।
यह पूछे जाने पर क्या कोविड-19 के बाद भी नए बदलाव लागू रहेंगे, जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा, ‘लेकिन यह अच्छी शुरुआत है।’
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