पूर्वोत्तर दिल्ली के कुछ इलाकों में फिर से हिंसा, मृतक संख्या बढ़कर 7 हुई
पूर्वोत्तर दिल्ली के कुछ इलाकों में फिर से हिंसा, मृतक संख्या बढ़कर 7 हुई
नई दिल्ली/भाषा। पूर्वोत्तर दिल्ली के कुछ इलाकों में मंगलवार को फिर से हिंसा हुई जहां भीड़ ने पथराव किया और बंद दुकानों में तोड़फोड़ की गई। यहां एक दिन पहले ही, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल सहित सात लोगों की जान जा चुकी है।
हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित मौजपुर सहित कई स्थानों पर धुआं निकलता देखा गया। दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर में सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था और इसमें करीब 150 लोग घायल हुए थे।इलाके में तनाव कायम होने के चलते स्कूल बंद है और डर के कारण लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है, जिसके तहत चार या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठे होने पर रोक है।
मौजपुर में इस हिंसा के साक्षी बने एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यहां दंगों जैसी स्थिति उन्होंने 35 साल में पहली बार देखी है। नाम उजागर न करने की शर्त पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘इस इलाके में हमेशा शांति रही है।’
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोमवार को जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में हुई हिंसा में 48 पुलिसकर्मी ओर 98 नागरिक घायल हो गए। इस इलाके में आग बुझाने पहुंचे तीन दमकलकर्मी भी घायल हो गए।
हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ कर सात हो गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा में छह नागरिक और दिल्ली पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की जान चली गई।
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय राजधानी में होने के कारण दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। अर्धसैनिक बल के जवानों की मदद ली जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी सौहार्द बहाल करने के लिए स्थानीय शांति समितियों की मदद ले रहे हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘असामाजिक तत्वों से मौके पर ही कड़ाई से निपटा जा रहा है।’ अभी तक इस संबंध में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।