सिंधिया ने अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर देशहित में उठाया कदम: विजयवर्गीय

सिंधिया ने अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर देशहित में उठाया कदम: विजयवर्गीय

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय

इंदौर/भाषा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से उठे सियासी बवंडर के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि सिंधिया ने मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं द्वारा अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर देशहित में यह कदम उठाया।

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विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, अगर आप राज्य के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस का चुनावी अभियान देखें, तो पता चलेगा कि सबसे ज्यादा सभाएं सिंधिया ने ही की थीं और उन्होंने ही कांग्रेस की ओर से जनता से सारे चुनावी वादे किए थे। लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय ने (कांग्रेस की चुनावी विजय के बाद) सिंधिया को दूध में से मक्खी की तरह निकालकर पूरी सरकार पर कब्जा कर लिया।

उन्होंने कहा, आखिर सिंधिया एक खानदानी नेता हैं। वे कांग्रेस में अपनी इतनी उपेक्षा बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। कांग्रेस छोड़ने का उनका कदम देशहित का निर्णय है। विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में जारी भारी राजनीतिक उथल-पुथल सत्तारूढ़ कांग्रेस की आपसी लड़ाई का परिणाम है और इसमें भाजपा की कोई भी भूमिका नहीं है।

भाजपा महासचिव ने कहा, कांग्रेस से सिंधिया का इस्तीफा मध्य प्रदेश से हुई एक शुरुआत है। यदि कांग्रेस ने अपनी नीति और नीयत नहीं बदली, तो पूरे देश से इस पार्टी का सफाया हो जाएगा।

उन्होंने दावा किया, हमें काफी पहले से लग रहा था कि कमलनाथ सरकार लंबे समय तक चलने वाली नहीं है क्योंकि पार्टी (कांग्रेस) पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जनता से किए वादे निभाने में नाकाम रही है। इस वजह से कांग्रेस के कई नेता अपने राजनीतिक भविष्य के प्रति आशंकित हैं।

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