योग से मिला स्वस्थ जीवन का वरदान, चिकित्सा खर्च हुआ कम!

पूरी दुनिया को जोड़ता है योग

योग से मिला स्वस्थ जीवन का वरदान, चिकित्सा खर्च हुआ कम!

Photo: PixaBay

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भारत और चीन के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं। प्राचील काल में जब अध्ययन के लिए छात्र चीन से भारत आते थे तो वे अपने साथ योग का दिव्य ज्ञान लेकर जाते थे। चीन में हान राजवंश के दौरान 202 ई.पू-220 ई. के बीच योग की लोकप्रियता के प्रमाण मिलते हैं। यह 21वीं सदी में और तेजी से लोकप्रिय हुआ।

Dakshin Bharat at Google News
चीन में ऐसे कई लोग हैं, जो यह खुलकर स्वीकार करते हैं कि योगाभ्यास के बाद उनके चिकित्सा खर्च में कमी आई है।

चाइना डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज पूरे देश में योग की लोकप्रियता बढ़ रही है। बीजिंग में सेवानिवृत्त 67 वर्षीया ली चुनरू कहती हैं कि योग उनके दैनिक जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण है। वे हर सुबह और शाम को अभ्यास के लिए अपने घर से 10 मिनट की दूरी पर स्थित योग स्टूडियो जाती हैं।

वे बताती हैं, 'मेरी बेटी हमेशा कहती है कि मेरा स्वास्थ्य अच्छा रहे और एक बार जब वह विश्वविद्यालय के लिए घर से निकली, तो उसने मुझे दैनिक व्यायाम के रूप में योग करने की सलाह दी थी। इसलिए मैंने छह साल पहले इसका अभ्यास शुरू किया था।'

ली का शरीर उनकी उम्र से मेल नहीं खाता है। वे ज्यादा युवा नजर आती हैं। वे बताती हैं कि पिछले कुछ वर्षों से वार्षिक शारीरिक स्वास्थ्य जांच में उन्हें पूर्णतः स्वस्थ बताया जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, पूरे चीन में बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद इस देश के योग आंदोलन के केन्द्र शंघाई और बीजिंग जैसे बड़े शहर बने हुए हैं, जहां लगभग एक तिहाई योग साधक रहते हैं। 

इन महानगरों में व्यस्त दिनचर्या के कारण लोग स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिनका समाधान उन्हें योगाभ्यास में नजर आता है। वहीं, इन शहरों में योगाभ्यास केंद्रों का भी तेजी से प्रसार होता जा रहा है।

योग की लोकप्रियता में वृद्धि केवल चीन तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनियाभर में नए अभ्यासकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है। वियतनाम की पान मियाओलिंग, जो योगाभ्यास में रु​चि रखती हैं, का मानना है कि वे नई विचारों वाले लोगों से मिलकर नई ऊर्जा के साथ स्वदेश जाएंगी।

इसी तरह एक और योगाभ्यासी किम कहते हैं कि उन्होंने डीएनए टेस्ट करवाया तो पाया कि उनके पूर्वज कोरिया, जापान और चीन से थे। वे कहते हैं कि दुनिया में हमेशा विभिन्न विवाद होते रहते हैं, हम सब लोग एक ही भाषा नहीं बोलते, लेकिन कई बातें हमें जोड़ती हैं। निश्चित रूप से योग भी उनमें से एक है, जो पूरी दुनिया को जोड़ता है।

ज़रूर पढ़िए:
इन 10 बातों का करें पालन, योगाभ्यास के लिए मजबूत रहेगी आपकी इच्छाशक्ति

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download