इम्पैक्ट रैंकिंग 2024: केआईआईटी भारत के सबसे प्रभावशाली विश्वविद्यालयों में अव्वल रहा
विश्व स्तर पर शीर्ष 6 सबसे प्रभावशाली विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया
डॉ. अच्युत सामंत ने संस्थान की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की
भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। केआईआईटी डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर को विश्व स्तर पर शीर्ष 6 सबसे प्रभावशाली विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है। इसे टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग 2024 में 'असमानताओं में कमी' के सतत विकास लक्ष्य के संदर्भ में भारत में पहला स्थान दिया गया है।
केआईआईटी को 79.3 - 83.9 के समग्र स्कोर के साथ इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर 201-300 समूह में स्थान दिया गया है।बता दें कि टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग उन विश्वविद्यालयों को शामिल करती है, जो संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में उत्कृष्टता हासिल करते हैं। यह अनूठी रैंकिंग प्रक्रिया सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अंतर्गत विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है।
बताया गया कि केआईआईटी विश्वविद्यालय को 'असमानताओं में कमी' के मामले में विश्व में छठा स्थान तथा भारत में पहला स्थान मिला है। वहीं, इसने 'शांति, न्याय और मजबूत संस्थानों' के सतत विकास लक्ष्य में विश्व स्तर पर 71वां स्थान हासिल किया है। इसमें इसे भारत में पहला स्थान मिला है।
यह 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा' के सतत विकास लक्ष्य के संदर्भ में विश्व में 55वें स्थान पर और भारत में 5वें स्थान पर है। केआईआईटी विश्वविद्यालय 'लक्ष्यों के लिए भागीदारी' के सतत विकास में भी भारत में 5वें स्थान पर रहा है।
इस अवसर पर केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने संस्थान की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शांति, न्याय और मजबूत संस्थान, असमानताओं में कमी और लक्ष्यों के लिए साझेदारी के मापदंडों में दुनिया के सबसे प्रभावशाली विश्वविद्यालयों में केआईआईटी की स्थिति दशकों से इस क्षेत्र में इसके बड़े योगदान को दर्शाती है।
उन्होंने इस उपलब्धि के लिए केआईआईटी के संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को बधाई दी।
विशेषज्ञों का कहना है कि केआईआईटी विश्वविद्यालय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में दुनियाभर में अपना प्रभाव फैलाया है। यह शिक्षा के माध्यम से गरीबी को कम करने, महिला सशक्तीकरण, कार्यस्थल पर समान अवसर, ग्रामीण विकास, आदिवासी उत्थान, कला, संस्कृति और साहित्य जैसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में योगदान दे रहा है।