अहिंसक प्रतिरोध

राजकुमार ने विशेष रूप से हमास के कृत्यों की निंदा करते हुए उचित ही कहा कि ऐसा करना मज़हबी सिद्धांतों के खिलाफ है

अहिंसक प्रतिरोध

गाज़ा पट्टी के लिए आने वाले दिन बहुत मुश्किल होने वाले हैं

इज़राइल-हमास भिड़ंत के बीच सऊदी राजकुमार तुर्की अल फैसल द्वारा अहिंसक प्रतिरोध का आह्वान किया जाना उल्लेखनीय है। एक ओर जहां ईरान के नेता और उसके अख़बार 'आग में तेल' डालने का काम कर रहे हैं, वहीं तुर्की अल फैसल की टिप्पणियों ने सबका ध्यान आकर्षित किया है, जो इस मुद्दे पर सऊदी अरब के नेतृत्व की सोच के बारे में जानकारी देते हैं। उन्होंने हमास और इज़राइल, दोनों की आलोचना करते हुए कहा कि इस संघर्ष में कोई नायक नहीं है, केवल पीड़ित हैं।

Dakshin Bharat at Google News
राजकुमार ने विशेष रूप से हमास के कृत्यों की निंदा करते हुए उचित ही कहा कि ऐसा करना मज़हबी सिद्धांतों के खिलाफ है, जिनमें नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की मनाही की गई है। उन्होंने इज़राइल पर गाजा में निर्दोष नागरिकों पर अंधाधुंध बमबारी करने का भी आरोप लगाया है। राजकुमार तुर्की अल फैसल द्वारा इस आधार पर हमास की आलोचना न्यायोचित है कि उसने इज़राइली सरकार को कार्रवाई का बहाना और उच्च नैतिक आधार का दावा करने की अनुमति दे दी। अगर हमास रक्तपात का मार्ग अपनाने की जगह अहिंसक तरीकों पर चलते हुए यह मुद्दा उठाता तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी न केवल आवाज सुनी जाती, बल्कि उसे कई देशों से नैतिक समर्थन भी मिलता। उसने सात अक्टूबर को जिस पैमाने पर हिंसा की, जिसमें इज़राइल के सैकड़ों नागरिकों की जानें चली गईं, उसके बाद उसकी चौतरफा निंदा हो रही है।

यह स्वाभाविक है। उसे ऐसे कदम से बचना चाहिए था। पहले इस मुद्दे को मानवाधिकारों के दृष्टिकोण से देखा जाता था। अब इसमें हिंसा और आतंकवाद का तत्त्व शामिल हो गया है, जिसे पश्चिमी देशों से समर्थन मिलने की बहुत कम संभावना है। वे देश इज़राइल के पाले में खड़े हो गए हैं, जो इस संकल्प के साथ हुंकार भर रहा है कि हमास को तबाह कर देंगे।

इज़राइल के विदेश मंत्री एली कोहेन द्वारा यह बयान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक उच्च स्तरीय बैठक का उपयोग किया जाना बताता है कि गाज़ा पट्टी के लिए आने वाले दिन बहुत मुश्किल होने वाले हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख, फलस्तीनियों तथा कई देशों के संघर्ष-विराम के आह्वान को स्पष्ट रूप से नकार दिया और गाजा की लड़ाई को ‘स्वतंत्र दुनिया का युद्ध' करार दिया। आमतौर पर वहां किसी देश के विदेश मंत्री इतने कठोर शब्दों का प्रयोग नहीं करते, लेकिन सात अक्टूबर को जो कुछ हुआ, उसके मद्देनज़र कोहेन ने जवाबी कार्रवाई में ‘संयम बरतने’ की अपील को खारिज कर दिया, जिस पर किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र की उस बैठक में कोहेन के इन सवालों का जवाब शायद ही किसी के पास होगा- 'आप बताइए कि शिशुओं की हत्या, महिलाओं से बलात्कार और उन्हें जला देने, एक बच्चे का सिर काटने के जवाब में संयम भरी कार्रवाई कैसे की जाती है? ... आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ संघर्ष-विराम के लिए कैसे सहमत हो सकते हैं, जिसने आपके अस्तित्व को मिटाने और नष्ट करने का संकल्प जताया हो?’

कोहेन का यह बयान भी एक चेतावनी प्रतीत होता है कि 'आज इजराइल पर हमला हुआ है, कल हमास और उसके हमलावर पश्चिमी देशों से लेकर दुनिया के हर क्षेत्र को निशाना बनाएंगे!' चूंकि पश्चिमी देशों, खासतौर से यूरोपीय देशों में पिछले एक दशक में हालात बिगड़े हैं। इन्होंने बहुसांस्कृतिक समाज बनाने और अति-उदार दिखने की कोशिश में दुनियाभर से वैध / अवैध शरणार्थी तो ले लिए, लेकिन उन्हें अपने समाज में समायोजित करने के बारे में नहीं सोचा। इसका परिणाम सब देख रहे हैं।

यूरोप में आए दिन टकराव हो रहा है, हिंसा भड़क रही है। विभिन्न रिपोर्टें बताती हैं कि अगर उसने समय रहते कुछ जरूरी कदम नहीं उठाए तो हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। निश्चित रूप से यह बिंदु उन देशों के प्रतिनिधियों के मन में रहा होगा। इज़राइल के 'आत्मविश्वास' का एक कारण यह भी है।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

गांदरबल हमला: व्यापक तलाशी अभियान का आगाज, सबूत ढूंढ़ने में जुटे एनआईए के अधिकारी गांदरबल हमला: व्यापक तलाशी अभियान का आगाज, सबूत ढूंढ़ने में जुटे एनआईए के अधिकारी
Photo: NIA
हिज़्बुल्लाह ने इज़राइल के हर्मीस-900 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया
ये पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोले- 'यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनने के लिए भारत के पास है विश्वसनीयता'
जब तक आतंकी हमले बंद न करे पाक, न हो उसके साथ कोई बातचीत: फारूक अब्दुल्ला
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक को कक्षा 8 से 10 की अर्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने से रोका
निर्दोष नागरिकों की हत्या करना और हिंसा फैलाना अपराध हैं: प्रियंका वाड्रा
डिजिटल मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा