श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनावों का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस इन चुनावों में भाग नहीं लेगी। फारूक अब्दुल्ला ने इसकी वजह अनुच्छेद 35ए को माना है। उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। जब तक इस पर स्पष्ट रुख नहीं होगा, नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनावों का बहिष्कार करेगी।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्र और राज्य प्रशासन को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिनसे अनुच्छेद 35ए और ज्यादा मजबूत बने। उन्होंने मांग की है कि उच्चतम न्यायालय में डाली गई याचिका पर दोनों को मिलकर जोरदार पैरवी करनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 31 अगस्त को राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद उन्होंने पंचायत चुनावों की घोषणा की। पंचायत और निकाय चुनाव अक्टूबर से दिसंबर के बीच होंगे। अभी जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन चल रहा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा पंचायत चुनावों के बहिष्कार के बाद इस पर चर्चा तेज हो गई है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है कि अब 35ए पर अपना रुख स्पष्ट करना केंद्र सरकार पर निर्भर है।
It is now for the central government to clarify where it stands with regard to Art 35-A. It’s not enough to use Panchayat & Municipal elections simply to delay proceedings in court. https://t.co/R0rwfS00Cs
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 5, 2018
अनुच्छेद 35ए काफी विवादों में रहा है। यह जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। यह धारा 370 का अंग है। इसके तहत भारत के दूसरे राज्यों का कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में स्थायी नागरिक के तौर पर निवास नहीं कर सकता। इसके अलावा उसे संपत्ति खरीदने का भी अधिकार नहीं होता। भारत में कई बार इसे हटाने की मांग उठ चुकी है।
ये भी पढ़िए:
– पीक से रंगी दीवारें देख कलेक्टर ने मंगवाया बाल्टी-कपड़ा और खुद करने लगे सफाई
– क्या आने वाले दौर में खत्म हो जाएगा टीवी?
– ये हैं शिक्षक बसरुद्दीन जिन्होंने ग्रामीण इलाकों में बदली स्कूलों की तस्वीर, मोदी ने की तारीफ
– मच्छरों, भौंकते कुत्तों और गंदगी से परेशान लालू ने वॉर्ड बदले जाने की गुहार लगाई