बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी पर कई आरोप लगाए और उससे अलग होने का फैसला किया। बता दें कि सावित्री बाई लगातार पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान देती रही हैं। उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए थे, जिसके बाद यह माना जा रहा था कि वे अलग रास्ता अपना सकती हैं।
गुरुवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस भी था। सावित्री बाई ने भाजपा पर बंटवारे की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे जब तक जिंदा हैं, भाजपा में नहीं लौटेंगी। उन्होंने अपने कार्यकाल तक सांसद बने रहने का ऐलान किया। सावित्री बाई ने लखनऊ में एक प्रेसवार्ता के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि देशभर में कई स्थानों पर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई।
इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने का वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया। सावित्री बाई ने कहा कि वे दलित सांसद हैं, इसलिए उनकी बात कभी नहीं सुनी गई। उन्होंने सरकार द्वारा विदेशों से कालाधन वापस नहीं लाने के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र पर स्वयं की उपेक्षा का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सावित्री बाई ने ब्राह्मणों पर विवादित बयान दिया था। इसके अलावा उन्होंने भगवान राम और हनुमानजी के बारे में विवादित शब्द बोले थे। इससे पहले उन्होंने राम मंदिर मामले पर टिप्पणी की थी कि अयोध्या में विवादित भूमि पर बुद्ध की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि जब भूमि पर खुदाई की गई तो उसमें ऐसे कई अवशेष प्राप्त हुए जिनका संबंध बुद्ध से था। ऐसे में वहां बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की जाए।
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