'वीबी-जी राम जी' बिल 'गांव विरोधी' है: राहुल गांधी

केंद्र सरकार की आलोचना की

Photo: @RahulGandhi X account

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर एक ही दिन में मनरेगा के 20 साल के काम को खत्म करने का आरोप लगाया और वीबी-जी राम जी को 'गांव विरोधी' बताया।

राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'कल रात, मोदी सरकार ने एक ही दिन में मनरेगा के बीस साल खत्म कर दिए।'

उन्होंने कहा, 'यह अधिकार-आधारित, मांग-आधारित गारंटी को खत्म कर देता है और इसे एक राशन वाली योजना में बदल देता है जिसे दिल्ली से कंट्रोल किया जाता है। यह बनावट के हिसाब से राज्य और गांव के खिलाफ है।'

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण मज़दूरों को मोलभाव करने की ताकत दी है।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'सही विकल्पों के साथ, शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मज़दूरी बढ़ी, काम करने की स्थिति बेहतर हुई, और साथ ही ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और उसे फिर से ज़िंदा किया गया। यही वह ताकत है जिसे यह सरकार तोड़ना चाहती है।'

उन्होंने कहा कि काम को सीमित करके और इसे मना करने के ज़्यादा तरीके बनाकर, वीबी-जी राम जी बिल उस एकमात्र साधन को कमज़ोर करता है जो ग्रामीण गरीबों के पास था।

राहुल गांधी ने दावा किया, 'हमने देखा कि कोविड के दौरान मनरेगा का क्या मतलब था। जब अर्थव्यवस्था बंद हो गई और लोगों की रोज़ी-रोटी खत्म हो गई थी, तो इसने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज़ में डूबने से बचाया था।'

उन्होंने कहा, 'जब आप किसी रोज़गार कार्यक्रम में राशनिंग करते हैं, तो महिलाएं, दलित, आदिवासी, भूमिहीन मज़दूर और सबसे गरीब ओबीसी समुदाय के लोग ही सबसे पहले बाहर हो जाते हैं।'

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