नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने सोमवार को एमजीनरेगा का नाम बदलने के सरकार के कदम पर हमला बोला और पूछा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने के पीछे सरकार की क्या मंशा है, जो न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के सबसे बड़े नेता हैं?
एमजीनरेगा को खत्म करने और ग्रामीण रोज़गार के लिए एक नया कानून लाने वाला बिल - विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 लोकसभा में पेश किया जाने वाला है।
सरकार के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका वाड्रा ने कहा, 'जब भी किसी योजना का नाम बदला जाता है, तो ऑफिस, स्टेशनरी में बहुत सारे बदलाव करने पड़ते हैं, जिस पर पैसा खर्च होता है। तो, इसका क्या फायदा है, यह क्यों किया जा रहा है?'
उन्होंने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा, 'महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है? महात्मा गांधी को न सिर्फ देश में, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा नेता माना जाता है, तो उनका नाम हटाने के पीछे क्या मकसद है, यह मुझे सच में समझ नहीं आ रहा है? उनकी क्या मंशा है?'
प्रियंका वाड्रा ने आगे कहा, 'जब हम बहस करते हैं, तो वह भी लोगों के असली मुद्दों पर नहीं, बल्कि दूसरे मुद्दों पर होती है। समय बर्बाद हो रहा है, पैसा बर्बाद हो रहा है, वे खुद ही बाधा डाल रहे हैं।'
इस बिल का मकसद 'विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विज़न के साथ जुड़ा हुआ एक ग्रामीण विकास ढांचा' स्थापित करना है, जिसके तहत हर वित्तीय वर्ष में हर ग्रामीण परिवार को 125 दिनों के रोज़गार की कानूनी गारंटी दी जाएगी, जिसके वयस्क सदस्य बिना किसी खास स्किल वाले शारीरिक काम करने के लिए तैयार हों।
यह बिल सोमवार को जारी की गई कामकाज की सप्लीमेंट्री सूची में लोकसभा में लिस्ट किया गया है।