लखनऊ/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कश्मीर से फैल रहे उग्रवाद और अलगाववाद के लिए जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को इतना 'विवादास्पद' बना दिया कि यह आज भी देश को परेशान कर रहा है।
देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 75वीं पुण्यतिथि पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उन्होंने 560 से ज़्यादा रियासतों को भारत संघ में मिलाने का ज़िक्र किया और जूनागढ़ एवं हैदराबाद की ओर इशारा किया, जो इस प्रक्रिया में बड़ी बाधाएं थीं।
आदित्यनाथ ने कहा, 'भारत की सभी हिंदू रियासतें भारतीय गणराज्य का हिस्सा बनने के लिए सहमत हो गईं, लेकिन जूनागढ़ के नवाब और हैदराबाद के निज़ाम ने मना कर दिया था। दोनों को भारत में मिलाना पड़ा। सरदार पटेल की समझदारी की वजह से, बिना किसी खून-खराबे के, ये दोनों रियासतें भारत का हिस्सा बनी थीं।'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया, 'पं. जवाहरलाल नेहरू ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को इतना विवादित बना दिया कि आज़ादी के बाद भी यह भारत को परेशान करता रहा। पं. नेहरू की वजह से देश को कश्मीर से उग्रवाद और अलगाववाद मिला।'
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को पूरा करते हुए कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है, जिससे यह भारत का अभिन्न अंग बन गया है और एक देश, एक संविधान और एक झंडे के संकल्प को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज़ादी के समय 567 रियासतें थीं और उन्हें भारत गणराज्य में मिला दिया गया था। देश हमेशा सरदार वल्लभभाई पटेल को इसके निर्माता के रूप में याद रखेगा। यह उनकी रचना है।'