काठमांडू/दक्षिण भारत। नेपाल में जेन ज़ी आंदोलन, जिसके कारण केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी, से 84.45 अरब रुपए का नुकसान हुआ। इसमें 77 लोगों की मौत हुई थी। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
8 और 9 सितंबर को चले युवा आंदोलन के दौरान जान-माल तथा सरकारी और प्राइवेट प्रॉपर्टी को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए बनाई गई एक सरकारी कमेटी ने गुरुवार को सिंह दरबार में कैबिनेट मीटिंग में विस्तृत रिपोर्ट पेश की।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, इसमें प्रधानमंत्री सुशीला कार्की को सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण की योजना भी पेश की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, आंदोलन के दौरान 77 लोग मारे गए। इससे कुल 84.45 अरब रुपए का भौतिक नुकसान भी हुआ।
इसमें पाया गया कि हिमालयी देश के सभी सात प्रांतों में आंदोलन के दौरान नुकसान हुआ, जिससे कुल 77 जिलों में से 54 और 262 स्थानीय इकाइयां प्रभावित हुईं।
रिकॉर्ड की गईं 77 मौतों में से 20 मौतें 8 सितंबर को, 37 मौतें 9 सितंबर को और बाकी 20 मौतें उसके बाद के दिनों में हुईं।
कुल 2,429 लोग घायल हुए, जिनमें से 17 की उम्र 13 साल से कम थी, जबकि 1,433 लोग 13 से 28 साल की उम्र के बीच के थे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस आंदोलन के दौरान 2,168 सरकारी और सार्वजनिक संस्थाएं प्रभावित हुईं, 2,671 इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, जिससे अनुमानित 39.31 अरब रुपये का नुकसान हुआ।
इसमें यह भी बताया गया कि 12,659 वाहन क्षतिग्रस्त हुए, जिससे 12.93 अरब रुपए का नुकसान हुआ।
सरकारी और पब्लिक सेक्टर में नुकसान 44.93 अरब रुपए, प्राइवेट सेक्टर में 33.54 अरब रुपए और कम्युनिटी और दूसरे सेक्टर में 5.97 अरब रुपए है।
समिति ने क्षतिग्रस्त सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के ढांचों के पुनर्निर्माण के लिए 36.30 अरब रुपए की अनुमानित लागत वाली एक पुनर्निर्माण कार्य योजना भी पेश की।
21 सितंबर, 2025 को कैबिनेट के फैसले से बनी कमेटी ने 75 दिनों के अंदर अपना काम पूरा कर लिया।