भारत के वैज्ञानिक जहां अपने ज्ञान से दुनिया में नाम कमा रहे हैं, वहीं कुछ भारतीय नागरिक अपने अंधविश्वास के कारण देश की प्रतिष्ठा धूमिल कर रहे हैं। इस साल ऐसी कई घटनाएं हुईं, जब अंधविश्वास में डूबे लोग अपने कारनामों के साथ सोशल मीडिया पर छाए रहे। अब छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक फार्म हाउस से कारोबारी समेत तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जिनके बारे में आशंका है कि उन्हें किसी तांत्रिक ने धन दुगुना करने का झांसा दिया था। पुलिस ने तांत्रिक समेत चार संदिग्धों को पकड़ा है। लालच और अज्ञान ने तीन लोगों की जान ले ली। क्या कोई अक्लमंद इन्सान इस बात पर विश्वास करेगा कि तंत्र क्रिया की मदद से रातोंरात धन दुगुना किया जा सकता है? अगर ऐसा संभव होता तो सरकारों को गरीबी दूर करने के लिए इतनी योजनाएं चलाने की क्या जरूरत थी? वे अर्थशास्त्रियों, विशेषज्ञों की मदद लेने की जगह पूरा ठेका ऐसे ही किसी तांत्रिक को दे देतीं! कुछ साल पहले बसों, ट्रेनों, सार्वजनिक शौचालयों आदि में ऐसे लोगों के विज्ञापन खूब दिखाई देते थे, जो घर बैठे ही सारी समस्याएं दूर करने का दावा करते थे। आज भी ऐसे विज्ञापन दिखाई देते हैं। इनसे आम लोगों की समस्याएं दूर हों या न हों, विज्ञापन देने वाले शख्स की समस्याएं जरूर दूर हो जाती हैं। वह लोगों से खूब रुपए ऐंठता है। हाल में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में जादू-टोना के शक में एक महिला की हत्या कर दी गई थी। मेघालय के पूर्वी खासी हिल जिले में लगभग 200 लोगों की भीड़ ने जादू-टोना करने के शक में एक परिवार पर हमला बोल दिया था। सोचिए, अंधविश्वास में पड़ने के बाद लोगों की सोचने-समझने की क्षमता कहां चली जाती है?
इसी साल जून में राजस्थान के बीकानेर जिले में एक तांत्रिक ने चमत्कार के नाम पर चार लोगों को झांसा दिया और लगभग 50 लाख रुपए लेकर भाग गया था। उसने कोई नशीला पदार्थ खिलाया था, जिससे तीन लोगों की मौत हुई थी। जून में ही गुजरात के बनासकांठा में एक बुज़ुर्ग दंपति की इसलिए बलि दे दी गई, क्योंकि कुछ लोगों का विश्वास था कि इससे उन्हें धन प्राप्त होगा। जुलाई में बिहार के पूर्णिया जिले में जादू-टोना के शक में एक परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जला दिया गया था। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में भूत-प्रेत की अफवाह के कारण एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। झारखंड के लातेहार में एक महिला को डायन होने के शक में मौत के घाट उतार दिया गया था। घटना में उसके पति की भी जान चली गई थी। राजस्थान में झुंझुनूं जिले का एक छात्र कुसंगति में पड़ने के कारण पढ़ाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं देता था। एक दिन उसने किसी 'चमत्कारी' शख्स का विज्ञापन देखा- 'सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी, बस यह दिव्य माला पहन लें।' उसने रुपए भेजकर वह माला मंगवा ली। वह उसे गले में पहनकर घूमता रहता था। उसने पढ़ाई से पूरी तरह दूरी बना ली थी। उसे विश्वास था कि 'दिव्य माला' जरूर कोई कमाल करेगी। जब परीक्षा परिणाम आया तो वह फेल हो गया। तब उसे पता चला कि चमत्कार के नाम पर उसके साथ धोखा हुआ है। मध्य प्रदेश के दमोह में एक शख्स सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो डालता, जिनमें वह रुपयों की बारिश करता नजर आता था। उसके वीडियो देखकर तीन लोगों ने उसे इस शर्त पर तीन-तीन लाख रुपए दिए कि वह उन्हें दुगुने करके देगा। वह शख्स उनके रुपए लेकर नौ-दो ग्यारह हो गया। ऐसे शातिर लोगों को भारत में शिकार आसानी से मिल जाते हैं। कभी मोटी कमाई, तो कभी डर के कारण जनता ऐसे पाखंडियों के जाल में फंसती रहती है। इनसे दूर रहने में ही भलाई है।