नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस महासचिव व सांसद प्रियंका वाड्रा ने 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोमवार को लोकसभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि सदन में 'वंदे मातरम्' पर बहस की दो वजह हैं: प. बंगाल में चुनाव आने वाला है। ऐसे में हमारे प्रधानमंत्री अपनी भूमिका बनाना चाहते हैं। जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, देश के लिए कुर्बानियां दीं, यह सरकार उन पर नए आरोप लादने का मौका चाहती है। ऐसा कर मोदी सरकार देश का ध्यान जनता के जरूरी मुद्दों से भटकाना चाहती है।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि वर्ष 1896 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार 'वंदे मातरम्' गीत को 'एक अधिवेशन' में गाया था, लेकिन प्रधानमंत्री यह नहीं बता पाए कि वह कांग्रेस का अधिवेशन था। आखिर नरेंद्र मोदी किस बात से कतरा रहे थे?
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि कांग्रेस देश के लिए है, भाजपा चुनाव के लिए है। हम इस मिट्टी के लिए आपसे और आपकी विचारधारा से लड़ते रहेंगे। आप हमें रोक नहीं सकते। कांग्रेस के हर एक अधिवेशन में सामूहिक तौर पर वंदे मातरम् गाया जाता है। सवाल है: भाजपा-आरएसएस के अधिवेशनों में वंदे मातरम् गाया जाता है या नहीं? देश की आत्मा के इस महामंत्र को विवादित करके भाजपा पाप कर रही है, लेकिन कांग्रेस इस पाप में शामिल नहीं होगी। यह गीत हमेशा से हमें प्यारा है, हमेशा से हमारे लिए पवित्र रहा है और हमेशा हमारे लिए पवित्र रहेगा।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि जितने साल से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, जवाहरलाल नेहरू उतने साल देश के लिए जेल में रहे थे। उसके बाद नेहरूजी 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे और देश के लिए काम किया था। नेहरू जी ने अगर इसरो नहीं बनाया होता तो मंगलयान नहीं होता, डीआरडीओ नहीं बनाया होता तो तेजस नहीं बनता। आईआईटी-आईआईएम नहीं बनवाए होते तो हम आईटी में आगे नहीं होते। एम्स नहीं बनवाते तो कोरोना का सामना कैसे होता? भेल-सेल जैसे पीएसयू नहीं बनवाए होते तो विकसित भारत कैसे बनता? पंडित जवाहरलाल नेहरू इस देश के लिए जिए और देश की सेवा करते-करते उन्होंने दम तोड़ा था।