बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के निवास पर जाकर नाश्ता किया। इसे नेतृत्व परिवर्तन के कयासों के बीच एकता का प्रदर्शन बताया जा रहा है।
सिद्दरामय्या यहां उपमुख्यमंत्री के सदाशिवनगर स्थित निवास पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत शिवकुमार और उनके भाई एवं पूर्व कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने किया।
हालांकि इसे एक पारस्परिक दौरे के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, क्योंकि शिवकुमार तीन दिन पहले इसी तरह की नाश्ते की बैठक के लिए मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर गए थे, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, क्योंकि यह कांग्रेस आला कमान के निर्देशों के अनुसार हो रहा है।
यह बताते हुए कि वे और मुख्यमंत्री दोनों एक टीम के रूप में साथ काम करते रहेंगे, शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कर्नाटक से किए गए वादों को पूरा करने के लिए अपने सामूहिक प्रयासों पर चर्चा करने के वास्ते सिद्दरामय्या को नाश्ते के लिए आमंत्रित किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों 'भाइयों की तरह काम कर रहे हैं'। साथ ही यह दावा किया कि राज्य कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। उन्होंने भ्रम पैदा करने के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया।
शनिवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई नाश्ते की पहली बैठक के बाद, जो दोनों नेताओं के बीच नेतृत्व विवाद पर बने गतिरोध को तोड़ने के लिए कांग्रेस आला कमान के प्रयास का हिस्सा थी, सिद्दरामय्या और शिवकुमार दोनों ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 'कोई भ्रम नहीं होगा'।
नेतृत्व के मामले पर, दोनों ने यह माना कि वे आला कमान की बात मानेंगे।
इस घटनाक्रम को आला कमान द्वारा दोनों के बीच नेतृत्व संघर्ष को विराम देने के रूप में देखा जा रहा है और यह संकेत है कि सिद्दरामय्या फिलहाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे।