'जीवन एक चुनौती है, कभी हार नहीं माननी चाहिए'

केआईएसएस का 5वां दीक्षांत समारोह हुआ

विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात लोगों को मानद उपाधियां प्रदान की गईं

भुवनेश्वर/दक्षिण भारत। कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस) का 5वां वार्षिक दीक्षांत समारोह रविवार को हुआ। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात लोगों को मानद उपाधियां प्रदान की गईं। इस साल केआईएसएस ने सांसद भर्तृहरि महताब, पूर्व सांसद व संपादक सौम्य रंजन पटनायक, सीवाईएसडी के सह-संस्थापक जगदानंद को मानद उपाधियों से सम्मानित किया।

कार्यक्रम में यूएई से केईएफ होल्डिंग्स के संस्थापक एवं अध्यक्ष फैजल एडावलाथ कोट्टिकोलन, यूके से मल्होत्रा ग्रुप पीएलसी एवं न्यूकैसल में मानद कोन्सुल जनरल जेएम 'मीनू’ मल्होत्रा ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। 

मुख्य अतिथि ओडिशा के पूर्व राज्यपाल प्रो. (डॉ.) गणेशी लाल ने केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत की सराहना की। उनके व्यक्तित्व को दिव्य बताया। ट्यूनीशिया की नोबेल पुरस्कार विजेता औइडेट बुचामाउई ने कहा कि डॉ. सामंत ने सिर्फ संस्था नहीं बनाई, बल्कि शांति का निर्माण भी किया है।’ 

उन्होंने शिक्षा की शक्ति पर जोर देते हुए कहा, 'आपने यह दिखाया है कि शांति और स्थिरता का सबसे प्रभावशाली साधन शिक्षा है।’ उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, 'जीवन एक चुनौती है। हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। जहां इच्छा है, वहां रास्ता है। अपने चारों ओर ऐसे लोगों को रखें, जो आपको प्रेरित करें। हर अवसर को अपनाएं। निडर बनें, दयालु बनें, जिज्ञासु और साहसी बनें।’ 

सम्मान प्राप्त करते हुए, महताब ने केआईएसएस को 'वास्तव में विशेष’ संस्था बताया और कहा कि विद्यार्थी ओडिशा की शक्ति के सच्चे प्रतिनिधि हैं। 'यहां की मासूमियत और खुशियां स्वाभाविक हैं। केआईएसएस मासूम कलियों को लेकर उन्हें खिलाता है। मैं, डॉ. अच्युत सामंत का धन्यवाद करता हूं कि वे मासूम दिमागों को यहां लेकर आए और उन्हें शिक्षा प्रदान की।’

सौम्य रंजन ने कहा कि वे अगले जन्म में फिर शिक्षक बनना चाहेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से जिज्ञासु मानसिकता विकसित करने और देश के प्रति निष्ठावान रहने का आग्रह किया। जगदानंद ने कहा, 'जो कुछ भी मैं योगदान दे पाया हूं, वह लोगों में निहित है। केआईएसएस ने आदिवासी समुदायों को बदल दिया है। मैं संस्थापक की इस परिवर्तनकारी पहल की प्रशंसा करता हूं।’ 

फैजल कोट्टिकोलन ने डॉ. सामंत की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अनगिनत लोगों के जीवन को बदला है। शिक्षा ऐसा साधन है, जो राष्ट्र को बदल सकता है। अच्युत सामंत इस बात के प्रमाण हैं कि शिक्षा समाज के लिए क्या कर सकती है। 

जेएम मल्होत्रा ने कहा यह सम्मान उन्हें और अधिक प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, 'यह सम्मान मुझे अपने समाज में योगदान देने के लिए और अधिक प्रोत्साहित करेगा।’

कार्यक्रम में केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत, केआईआईटी और केआईएसएस के उपाध्यक्ष उमापद बोस, केआईएसएस के सचिव आरएन दास, केआईआईटी के चांसलर अशोक कुमार परिजा, केआईएसएस के चांसलर सत्य एस त्रिपाठी, प्रो-चांसलर प्रो. अमरेश्वर गाला, वाइस चांसलर प्रो. शरणजीत सिंह और रजिस्ट्रार डॉ. प्रशांत कुमार रौत्रे भी मौजूद थे।

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