शीतकालीन सत्र: मोदी बोले- 'विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने लोकतंत्र को जिया है

Photo: narendramodi FB Page Live

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ​बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह सत्र सिर्फ कोई परंपरा नहीं है। यह राष्ट्र को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम भी करेगा। ऐसा मेरा विश्वास है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने लोकतंत्र को जिया है। लोकतंत्र की उमंग और उत्साह को समय-समय पर इस तरह प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत होता रहता है। गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुआ, उसमें मतदान का जो क्रम हुआ, वह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। माताओं-बहनों की जो भागीदारी बढ़ रही है, वह अपने आप में एक नई आशा, नया विश्वास पैदा करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ लोकतंत्र की मजबूती और इस लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर अर्थतंत्र की मजबूती को भी दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र परिणाम दे सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस गति से आज भारत की आर्थिक स्थिति नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रही है, विकसित भारत के लक्ष्य की ओर जाने में नया विश्वास तो जगाती ही है, नई ताकत भी देती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र, संसद देश के लिए क्या सोच रही है, संसद देश के लिए क्या करना चाहती है, संसद देश के लिए क्या करने वाली है, इन मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए। विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं।

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