कर्नाटक सरकार ने जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए केंद्रीय निधि की मांग की

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र

Photo: PriyankMKharge FB Page

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने शनिवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से अनुरोध किया कि जल जीवन मिशन के तहत लंबित राशि जारी की जाए, ताकि कार्य समय पर पूरा हो सके और राज्य के ग्रामीण घरों में सुरक्षित पेयजल की पहुंच सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने बताया कि कर्नाटक इस मिशन को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है और वित्तीय वर्षों 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के दौरान महत्त्वपूर्ण भौतिक और वित्तीय प्रगति दिखाई है।


प्रियांक खरगे के अनुसार, अब तक ग्रामीण घरों के 86 प्रतिशत से अधिक कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं और अन्य बहु-ग्राम तथा एकल-ग्राम योजनाएं विभिन्न प्रगति चरणों में हैं।

पाटिल को लिखे एक पत्र में, कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज तथा आईटी/बीटी मंत्री ने उल्लेख किया कि राज्य बजटीय आवंटन और समय पर राशि जारी करके इस योजना का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है, जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष में 11,050 करोड़ रुपए का आवंटन भी शामिल है।

जल जीवन मिशन की शुरुआत से अब तक की वित्तीय प्रगति 69,487.60 करोड़ रुपए की स्वीकृत लागत के मुकाबले 35,698.58 करोड़ रुपए रही है।

खरगे ने कहा, 'यह उल्लेखनीय है कि कुल 35,698.58 करोड़ रुपए के व्यय में राज्य का हिस्सा 24,598.45 करोड़ रुपए है, जबकि केंद्रीय हिस्सा मात्र 11,786.63 करोड़ रुपए है, जो केंद्र सरकार के मिलान अनुदान में भारी कमी को दर्शाता है। इस वित्तीय वर्ष में भी राज्य सरकार ने 1,500 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जबकि अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई राशि जारी नहीं की गई है।'

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय निधियों की प्रतीक्षा में किसी भी 'संभावित देरी' को कम करने और चल रहे कार्यों को जारी रखने के लिए सक्रिय रूप से धनराशि जारी की है।

उन्होंने कहा, 'इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार से निरंतर समर्थन आवश्यक है, जिसमें केंद्रीय अनुदानों का समय पर जारी होना शामिल है। वर्तमान में लगभग 1,700 करोड़ रुपए के बिल भुगतान के लिए लंबित हैं और लगभग 2,600 करोड़ रुपए के बिल प्रक्रिया में हैं।'

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