कोलकाता/दक्षिण भारत। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पीछे असल मंशा एनआरसी है।
संविधान दिवस के अवसर पर रेड रोड पर बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाया जा रहा है।
इससे पहले, एक्स पर की गई एक पोस्ट में, उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र दांव पर हो, धर्मनिरपेक्षता 'खतरे की स्थिति' में हो और संघवाद 'रौंदा जा रहा हो', तब लोगों को संविधान द्वारा प्रदान किए गए मूल्यवान मार्गदर्शन की रक्षा करनी चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा कि संविधान राष्ट्र की रीढ़ है, जो संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की विविधताओं को कुशलतापूर्वक एक साथ बुनता है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'आज संविधान दिवस पर, मैं हमारे महान संविधान को, उस महान दस्तावेज़ को जो हमें भारत में एकसाथ बांधता है, अपनी गहरी श्रद्धा और सम्मान अर्पित करती हूं। मैं आज हमारे संविधान के दूरदर्शी निर्माताओं को भी श्रद्धांजलि देती हूं, विशेष रूप से इसके मुख्य शिल्पी डॉ. बीआर आंबेडकर को।'
ममता बनर्जी ने प. बंगाल से आने वाले संविधान सभा के सदस्यों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा, 'मेरा विश्वास है कि हमारा संविधान हमारे राष्ट्र की रीढ़ है, जो हमारी संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों की विशाल विविधताओं को एक समग्र, संघीय रूप में कुशलतापूर्वक जोड़ता है। इस पावन दिन पर, हम अपने संविधान में निहित मूल लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दृढ़ करते हैं और उन पवित्र सिद्धांतों की सतर्क रक्षा करने का संकल्प लेते हैं, जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित और बनाए रखते हैं।'
उन्होंने कहा, 'अब, जब लोकतंत्र दांव पर है, जब धर्मनिरपेक्षता खतरे में है, जब संघवाद को रौंदा जा रहा है, इस गंभीर समय में, हमें संविधान द्वारा प्रदान किए गए मूल्यवान मार्गदर्शन की रक्षा करनी चाहिए।'