वेल्लोर/दक्षिण भारत। वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआईटी) ने 'क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2026’ में भारत में सातवीं रैंक और दुनियाभर में 352वीं रैंक हासिल की है। उसने पर्यावरणीय प्रभाव श्रेणी में दुनियाभर में 194वीं रैंकिंग से विशिष्ट पहचान बनाई है।
इस अवसर पर वीआईटी के चांसलर डॉ. जी विश्वनाथन ने कहा, 'इस रैंकिंग को क्वाक्वेरेली साइमंड्स ने जारी किया है। इस डेडिकेटेड सस्टेनेबिलिटी श्रेणी में संस्थानों का आठ परफॉर्मेंस लेंस: समानता, ज्ञान का आदान-प्रदान, शिक्षा का प्रभाव, रोजगार और अवसर, स्वास्थ्य और कल्याण, पर्यावरण स्थिरता, पर्यावरण शिक्षा, पर्यावरण अनुसंधान और सामाजिक प्रभाव, के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।’
उन्होंने कहा, 'वीआईटी ने कुल मिलाकर 74.9 का शानदार स्कोर किया है, जिससे यह दुनियाभर में 352वें स्थान पर और भारतीय संस्थानों में 7वें स्थान पर पहुंच गया है। खास तौर पर सामाजिक प्रभाव, पर्यावरणीय प्रभाव और गवर्नेंस में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। पर्यावरणीय प्रभाव में स्कोर 78.1 है, जिससे इसे दुनियाभर में 194वीं रैंक मिली है। 396वें स्थान से 352वें स्थान पर आना एक बड़ी छलांग है।’
डॉ. विश्वनाथन ने कहा, '2026 एडिशन में 106 देशों और इलाकों के 2,000 से ज्यादा विेशविद्यालयों का मूल्यांकन किया गया है। ग्लोबल टॉप 400 में जगह बनाना वीआईटी की अब तक की सबसे ऊंची सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग पर्यावरणीय जिम्मेदारी, रिसर्च में बेहतरीन काम और समाज की भलाई के लिए प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’