बेंगलूरु शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 1 लाख करोड़ रु. से ज्यादा खर्च कर रही सरकार: डीके शिवकुमार

बेंगलूरु टेक समिट में बोले उपमुख्यमंत्री

Photo: @DKShivakumar X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु को 'परिवर्तन का निरंतर विकसित होने वाला इंजन' बताते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार शहर पर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है।

शिवकुमार, जो बेंगलूरु विकास के प्रभारी मंत्री भी हैं, बेंगलूरु टेक समिट के 28वें संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

एशिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी कार्यक्रम माना जा रहा यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी और बीटी विभाग, कर्नाटक सरकार और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

शिवकुमार ने कहा, 'हम मानते हैं कि प्रौद्योगिकी, नवाचार और निवेश तभी फलते-फूलते हैं जब नींव मजबूत होती है। यही कारण है कि हमारी सरकार अभूतपूर्व गति से बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दे रही है।'

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने बेंगलूरु में बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं- 42,500 करोड़ रुपए की लागत से 40 किलोमीटर लंबी ट्विन टनल परियोजना, 18,000 करोड़ रुपए की लागत से 41 किलोमीटर लंबी डबल डेकर मेट्रो परियोजना, 15,000 करोड़ रुपए की लागत से 110 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, 5,000 करोड़ रुपए की लागत से 320 किलोमीटर लंबी बफर सड़कें, 500 करोड़ रुपए की लागत से स्काईडेक परियोजना और 27,000 करोड़ रुपए की लागत से 74 किलोमीटर लंबा बेंगलूरु बिजनेस कॉरिडोर।

उन्होंने कहा, 'हम बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बेंगलूरु शहर पर 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रहे हैं।'
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलूरु में दूसरे हवाईअड्डे की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की सहायता और समन्वय के लिए कर्नाटक सरकार प्रवासी भारतीयों के लिए एक अलग सचिवालय शुरू कर रही है।

उन्होंने कहा, 'हम अनिवासी भारतीयों के लिए आवासीय लेआउट विकसित कर रहे हैं; बिदादी के पास 9,000 एकड़ में एक विश्वस्तरीय शहर - एआई सिटी। हम सभी अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक घरानों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय परिसर का निर्माण कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि कोई भी अन्य शहर बेंगलूरु के मौसम और संस्कृति से मेल नहीं खाता।
 
प्रौद्योगिकी और प्रतिभा को बेंगलूरु के दो स्तंभ बताते हुए शिवकुमार ने कहा कि बेंगलूरु की ताकत सिर्फ इसके बुनियादी ढांचे या नीतिगत प्रोत्साहनों में नहीं है। यह इसके लोगों में निहित है।

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