अमित शाह ने तय की थी समय सीमा, सुरक्षा बलों ने 12 दिन पहले ही खूंखार नक्सली हिडमा को मार गिराया

घने पुल्लागंडी जंगलों में हुई बड़ी कार्रवाई

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। खूंखार माओवादी कमांडर मदावी हिडमा को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। उन्हें यह सफलता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मोस्ट वांटेड नक्सली को खत्म करने के लिए तय की गई 30 नवंबर की समय सीमा से 12 दिन पहले मिली है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सुरक्षा बलों ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के ट्राइ-जंक्शन पर स्थित घने पुल्लागंडी जंगलों में 44 वर्षीय नक्सली नेता को मार गिराया।

गृह मंत्री के आदेश से अवगत एक सूत्र ने बताया, 'केंद्रीय गृह मंत्री ने देश से माओवादी समस्या के उन्मूलन के लिए 31 मार्च, 2026 की समय सीमा तय की थी। सुरक्षा समीक्षा बैठक में शाह ने नक्सल विरोधी अभियानों में लगे शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को 30 नवंबर से पहले हिडमा को खत्म करने को कहा था और इस समय सीमा से 12 दिन पहले ही उसे मार गिराया गया।'
 
सूत्रों ने यह भी कहा कि जिस तरह से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चल रहा है, उससे गृह मंत्री की मार्च की समय सीमा से पहले ही वामपंथी उग्रवाद खत्म हो जाने की संभावना है।
 
साल 1981 में सुकमा में जन्मे हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की एक बटालियन का कमांडर और माओवादी केंद्रीय समिति का सदस्य था।

ऐसा माना जाता था कि वह बस्तर से इस शीर्ष नेतृत्व समूह का हिस्सा बनने वाला एकमात्र आदिवासी सदस्य था। 26 से ज़्यादा बड़े नक्सली हमलों में उसकी प्रत्यक्ष संलिप्तता पाई गई, जिससे वह भारत के सबसे खूंखार विद्रोही नेताओं में से एक बन गया था।

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