दिल्ली धमाका: अल फलाह विश्वविद्यालय ने पूरे घटनाक्रम पर क्या कहा?

विश्वविद्यालय के परिसर में एक अस्पताल भी है

Photo: alfalahuniversity_official Instagram account

फरीदाबाद/दक्षिण भारत। अल फलाह विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली धमाके के मुख्य संदिग्धों और गिरफ्तार किए गए दो डॉक्टरों के साथ उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय में सिर्फ आधिकारिक क्षमता में काम किया है।

फरीदाबाद स्थित निजी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान में कहा, 'हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद दु:खी और व्यथित हैं। इसकी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इन दु:खद घटनाओं से प्रभावित सभी निर्दोष लोगों के साथ हैं।'

इसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय से जुड़े दो डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। आगे कहा, 'हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विश्वविद्यालय का उक्त व्यक्तियों के साथ कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि ये आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे हैं।'

बयान में कहा गया है, 'इसके अलावा विश्वविद्यालय संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूर्ण सहयोग दे रहा है, ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें।'

इससे पहले, यहां काम करने वाले एक कश्मीरी डॉक्टर के दो किराए के कमरों से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किए गए थे। हालांकि, ये कमरे विश्वविद्यालय परिसर का हिस्सा नहीं थे और बाहर किराए पर दिए गए थे।

धौज और फतेहपुर तगा गांवों में डॉ. मुज़म्मिल (35) के पास से विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए। उसे 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।

सोमवार शाम दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके, जिसमें 12 लोग मारे गए थे, की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इसके तार फरीदाबाद में उजागर हुए कथित आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हैं।

दिल्ली के निकट हरियाणा के फरीदाबाद जिले के धौज में स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय एक निजी संस्थान है, जिसके परिसर में एक अस्पताल भी है।

अधिकारियों के अनुसार, हरियाणा नंबर की जिस कार में धमाका हुआ, उसे डॉ. उमर नबी चला रहे थे। वह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत था। 

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