दिल्ली धमाका: इतनी खौफनाक थी साजिश, गिरफ्तार किए गए डॉक्टर के मोबाइल फोन ने उगले राज़

डॉक्टर ने जनवरी में लाल किला इलाके की रेकी की थी

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। हाल में पर्दाफाश किए गए सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए प्रमुख संदिग्धों में से एक डॉ. मुजम्मिल गनई ने इस साल जनवरी में लाल किला क्षेत्र के कई बार चक्कर लगाए थे। पुलिस ने उसके मोबाइल डंप डेटा का विश्लेषण किया है।

अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि ये कोशिशें 26 जनवरी को इस ऐतिहासिक स्मारक को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं, जो उस समय क्षेत्र में गहन गश्त के कारण विफल हो गई होंगी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉ. मुजम्मिल के मोबाइल फोन से प्राप्त डंप डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि जनवरी के पहले सप्ताह में लाल किला क्षेत्र में और उसके आस-पास उसकी बार-बार मौजूदगी थी।

अधिकारी ने कहा, 'ये दौरे 26 जनवरी को योजनाबद्ध हमले से पहले विस्तृत जांच का हिस्सा थे।'

उन्होंने बताया कि डॉ. मुज़म्मिल अपने सहयोगी डॉ. उमर नबी के साथ सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ के पैटर्न का अध्ययन करने के लिए कई बार लाल किले की रेकी कर चुका है। टावर लोकेशन डेटा और आस-पास के इलाकों से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज के ज़रिए उनकी गतिविधियों की पुष्टि की गई।

जांचकर्ताओं ने बताया कि वे अब डॉ. मुज़म्मिल के संचार और डिजिटल फ़ुटप्रिंट का विश्लेषण कर रहे हैं, ताकि मॉड्यूल की गतिविधियों के लिए धन और विस्फोटकों की प्राप्ति के स्रोत का पता लगाया जा सके। वे यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या अन्य संदिग्धों ने भी इसी तरह की रेकी की थी या गिरफ्तार संदिग्धों को रसद सहायता दी थी?

पुलिस ने कई मोबाइल डंप डेटा भी इकट्ठे किए हैं, विशेष रूप से लाल किले के पास डॉ. उमर की गतिविधियों के बारे में, ताकि पता चल सके कि धमाके से ठीक पहले वह किसी के संपर्क में था या नहीं?

सोमवार शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन क्षेत्र में धीमी गति से चलती कार से हुए उच्च तीव्रता वाले धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

मामले को आगे की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर दिया गया है।

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