दावणगेरे/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने रविवार को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की संगठन के पंजीकरण की स्थिति पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
सिद्दरामय्या ने संवाददाताओं से कहा, 'भागवत ने जो कुछ कहा है, हम उसका जवाब नहीं दे सकते।'
बिना पंजीकरण के काम करने के लिए आरएसएस की आलोचना करने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ परोक्ष टिप्पणी करते हुए मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि उनके संगठन को व्यक्तियों के एक समूह के रूप में मान्यता प्राप्त है।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर कहा, 'आरएसएस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर अनुमति लेना अनिवार्य नहीं किया गया है। आदेश में कहा गया है कि किसी भी संगठन को संबंधित ज़िला कलेक्टर से अनुमति लेनी चाहिए। ऐसा उनका मानना है। हम आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की हर बात का जवाब नहीं दे सकते।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'परप्पना अग्रहारा में कैदियों को दी जा रही विलासितापूर्ण सुविधाओं का मामला हमारी सरकार के संज्ञान में आया है। संबंधित अधिकारी छुट्टी पर चले गए हैं। गृह मंत्री ने कल इस संबंध में एक बैठक बुलाई है। जिन लोगों ने यह गलत काम किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'तालुका और जिला पंचायत चुनाव का मामला अदालत में है। चुनाव तभी होंगे, जब अदालत ऐसा करने का निर्देश देगी।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'गन्ने के दाम पर फैसला चीनी मिल मालिकों की मौजूदगी में हुआ है। सभी को 50 रुपए देने होंगे। मुझे उम्मीद है कि जो लोग नहीं दे रहे हैं, वे भी दे देंगे। आदेश का पालन न करने वाले चीनी मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसानों को 1.1 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।'