पाकिस्तान स्थित क्रिप्टो वॉलेट में 10 करोड़ रु. किए ट्रांसफर, सूरत से एक शख्स गिरफ्तार

म्यूल' बैंक खातों की चल रही जांच

Photo: ISPR

अहमदाबाद/दक्षिण भारत। पुलिस ने साइबर धोखेबाजों के एक गिरोह को पाकिस्तान स्थित क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में 10 करोड़ रुपए स्थानांतरित करने में कथित रूप से मदद करने के आरोप में गुजरात के सूरत निवासी को गिरफ्तार किया है।

गुजरात पुलिस सीआईडी-क्राइम के साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चेतन गंगानी को साइबर अपराध की आय का शोधन करने के लिए घोटालेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 'म्यूल' बैंक खातों की चल रही जांच के हिस्से के रूप में हिरासत में लिया गया था।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरोपी का संबंध छह व्यक्तियों से था, जिन्हें 3 नवंबर को मोरबी, सुरेन्द्रनगर, सूरत और अमरेली जिलों से गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों पर लगभग 100 म्यूल खातों का उपयोग करके दुबई स्थित साइबर अपराधियों को 200 करोड़ रुपए भेजने का आरोप है।

अधिकारियों के अनुसार, म्यूल खाता एक बैंक खाता होता है जिसका उपयोग अपराधी, खाताधारक की जानकारी के बिना या उसके साथ अवैध धन प्राप्त करने, स्थानांतरित करने या धनशोधन के लिए करते हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि गंगानी ने पहले गिरफ्तार किए गए साइबर गिरोह के सदस्यों को 10 करोड़ रुपए को क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी या टीथर में बदलने में मदद की और फिर चार महीने में अपने बिटगेट क्रिप्टो वॉलेट के माध्यम से इसे पाकिस्तान स्थित वॉलेट में भेज दिया।

पुलिस ने बताया कि उसे प्रत्येक यूएसडीटी पर 0.10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। पुलिस ने उसके कमीशन की कुल राशि का खुलासा नहीं किया।

पुलिस के अनुसार, पहले पकड़े गए छह लोगों ने गुजरातभर में साइबर अपराधियों को 100 म्यूल खाते उपलब्ध कराए थे। इन खातों का इस्तेमाल देशभर में दर्ज 386 मामलों में किया गया, जिनमें डिजिटल गिरफ्तारियां, टास्क धोखाधड़ी, निवेश धोखाधड़ी, ऋण धोखाधड़ी और अंशकालिक नौकरी घोटाले शामिल हैं।

गुजरात के उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, ने कहा कि सीआईडी-क्राइम ने एक बड़े सीमा पार साइबर अपराध नेटवर्क पर कार्रवाई की है।

उन्होंने एक्स पर कहा, 'एक बड़ी सफलता में, गुजरात साइबर अपराध उत्कृष्टता केंद्र ने कई जिलों मोरबी, सुरेंद्रनगर, सूरत और सावरकुंडला में संचालित बड़े पैमाने पर 'म्यूल अकाउंट' नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है, जिसके सीधे वित्तीय संबंध पाकिस्तान से थे।'

उन्होंने कहा कि साइबर अपराध टीम ने प्रारंभिक भारतीय खातों से लेकर क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) लेनदेन तक सात स्तरों के माध्यम से धन के प्रवाह को सावधानीपूर्वक ट्रैक किया।

सांघवी ने कहा, 'जांच में एक पाकिस्तानी बिनेंस यूएसडीटी खाते में 10 करोड़ रुपए के हस्तांतरण का पता चला, जिसने भारतीय खातों से कुल मिलाकर 25 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं और यह गिरोह प्रमुख स्रोतों में से एक है।'

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