अंधविश्वास का जाल

यह कैसी सोच है?

हम कैसा समाज बना रहे हैं?

इस युग में जहां भारत ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में नए कीर्तिमान बना रहा है, वहीं विभिन्न इलाकों में जादू-टोना के शक में लोगों की पिटाई और हत्या की घटनाएं शर्मिंदगी की वजह बन रही हैं। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में जादू-टोना के शक में एक महिला की हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। इसके अलावा, मेघालय के पूर्वी खासी हिल जिले में लगभग 200 लोगों की भीड़ ने जादू-टोना करने के शक में एक परिवार पर हमला बोल दिया! यह कैसी सोच है? हम कैसा समाज बना रहे हैं? भारतविरोधी विदेशी मीडिया ऐसे मुद्दों को उछालकर देश की छवि को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है। क्या इन लोगों को इसकी परवाह है? विदेशों में जब लोग ऐसी खबरें पढ़ते हैं तो वे भारत के बारे में यह धारणा बनाते हैं कि 'वहां तो अंधकार का युग चल रहा है, विज्ञान का कहीं नामो-निशान नहीं है!' क्या हम दुनिया के सामने अपने देश की ऐसी छवि पेश करना चाहते हैं? हर साल अंधविश्वास के नाम पर कितने ही अनर्थ होते हैं। कई लोगों ने अंधविश्वास को अपना धंधा बना लिया है। वे सोशल मीडिया पर भी इसका प्रसार करते दिखाई देते हैं। विज्ञान के इस वरदान का उपयोग ज्ञान की प्राप्ति के लिए करना चाहिए, लेकिन यहां ऐसे चैनलों की भरमार है जो अपने दर्शकों को गुमराह कर रहे हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले में जिस महिला की हत्या की गई, उसके बेटे का दावा है कि गांव में जब भी किसी की मौत होती थी तो मां पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया जाता था।

सोचिए, अगर सच में ऐसा संभव होता तो देशों को वैज्ञानिक अनुसंधान, सेना और हथियारों की क्या जरूरत थी? उनकी सरकारें कथित जादू-टोना के जरिए ही अपने दुश्मनों का खात्मा कर देतीं! अगर जादू-टोना से ही किसी को हमेशा के लिए गायब करना संभव होता तो सुरक्षा एजेंसियां अब तक आतंकवादियों, डाकुओं, हत्यारों और खूंखार अपराधियों को गायब कर चुकी होतीं। इससे धरती पर कितनी शांति हो जाती! कोई व्यक्ति अपने विवेक और बुद्धि से जरा-सा भी काम ले तो आसानी से समझ सकता है कि इन अंधविश्वासों की बुनियाद ही मूर्खता पर टिकी है। इनके चक्कर में पड़कर न तो कोई धनवान बनता है, न सौभाग्य प्राप्त करता है। इनमें समय, संसाधन और मानसिक शांति का नाश होता है। अगर किसी काम में सफलता चाहिए तो सही तरीके से मेहनत करें। अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो प्रकृति के नियमों का पालन करें, चिकित्सक से सलाह लें। उन्नति करना चाहते हैं तो स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें और अपनी ऊर्जा उसे प्राप्त करने में लगाएं। जादू-टोना जैसी बातों को न तो खुद सही मानें और न इनका प्रसार करें। कई लोग अपना स्वार्थ सिद्ध करने, दुश्मनी निकालने के लिए दूसरों के बारे में ऐसी अफवाहें फैला देते हैं। इससे समाज में डर पैदा हो जाता है और संबंधित व्यक्ति से हर कोई दूरी बनाने लगता है। पूर्वी खासी हिल जिले में जो घटना हुई, वह बड़े हत्याकांड का रूप ले सकती थी। यह तो पुलिस की सतर्कता थी, जो उस परिवार के सामने ढाल बनकर खड़ी हो गई। अन्यथा उग्र भीड़ पूरे घर को फूंक सकती थी। पुलिस ने घर के अंदर मौजूद लोगों की बड़ी मुश्किल से जान बचाई। ऐसी घटनाएं मानवता के विरुद्ध गंभीर अपराध हैं। इन्हें रोकने के लिए सख्त कार्रवाई जरूरी है। साथ ही, जागरूकता पर जोर देना चाहिए। अंधविश्वास का जाल इसी से कटेगा।

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