नवा रायपुर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के लिए आज का दिन एक स्वर्णिम शुरुआत का दिन है।
उन्होंने कहा कि मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर यह बहुत ही सुखद और अहम दिन है। मेरा बीते कई दशकों से इस भूमि से बहुत आत्मीय नाता रहा है। एक कार्यकर्ता के रूप में मैंने छत्तीसगढ़ में बहुत समय बिताया, यहां से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे जीवन को गढ़ने में यहां के लोगों का, यहां की भूमि का बहुत बड़ा आशीर्वाद रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की परिकल्पना, इसके निर्माण का संकल्प और फिर उस संकल्प की सिद्धि, हर एक क्षण पर मैं छत्तीसगढ़ के परिवर्तन का साक्षी रहा हूं। आज जब छत्तीसगढ़ 25 वर्षों की यात्रा के अहम पड़ाव पर पहुंचा है, तो मुझे इस क्षण का भी सहभागी बनने का अवसर मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस रजत जयंती के अवसर पर मुझे राज्य के लोगों के लिए इस नई विधानसभा का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। मैं छत्तीसगढ़ के लोगों को, राज्य सरकार को इस अवसर पर बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 का यह वर्ष भारतीय गणतंत्र का अमृत वर्ष भी है। 75 वर्ष पहले भारत ने अपना संविधान देशवासियों को समर्पित किया था। ऐसे में आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं इस अंचल से संविधान सभा के सदस्य रहे रविशंकर शुक्ल, बेरिस्टर ठाकुर छेदीलाल, घनश्याम सिंह गुप्त, किशोरी मोहन त्रिपाठी और रघुराज सिंह जैसे मनीषियों का स्मरण करते हुए, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनकर चमक रहा है। आज जब हम इस भव्य और आधुनिक विधानसभा भवन का लोकार्पण कर रहे हैं तो यह केवल एक इमारत का समारोह नहीं, बल्कि 25 वर्षों की जन आकांक्षा, जन संघर्ष और जन गौरव का उत्सव बन गया है। आज छत्तीसगढ़ अपने स्वप्न के नए शिखर पर खड़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस गौरवशाली क्षण में, मैं उन महापुरुष को नमन करता हूं जिनकी दूरदृष्टि और करुणा ने इस राज्य की स्थापना की। वे महापुरुष हैं- भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी। साल 2000 में जब अटलजी ने छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया था तो वह निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं था। वह निर्णय था विकास की नई राह खोलने का, छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान दिलाने का।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब इस भव्य विधानसभा के साथ-साथ अटलजी की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ है तो मन कह उठता है, अटलजी जहां भी हों- देखिए, आपका सपना साकार हो रहा है। आपका बनाया हुआ छत्तीसगढ़ आज आत्मविश्वास से भरा है, विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाद में विधानसभा का जो भवन तैयार हुआ, वह भी पहले किसी दूसरे विभाग का परिसर था। वहीं से छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की यात्रा नई ऊर्जा के साथ प्रारंभ हुई और आज 25 वर्षों के बाद वही लोकतंत्र, वही जनता, एक आधुनिक, डिजिटल और आत्मनिर्भर विधानसभा के भवन का उद्घाटन कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का इतिहास अपने आप में प्रेरणास्रोत है। साल 2000 में जब इस सुंदर राज्य की स्थापना हुई तो पहली विधानसभा की बैठक राजकुमार कॉलेज, रायपुर के जसपुर हॉल में हुई थी। वह समय सीमित संसाधनों का तो था, लेकिन असीम सपनों का था। तब केवल एक भावना थी कि हम अपने भाग्य को और तेजी से उज्ज्वल बनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है। यह भावना सरकार की हर नीति और निर्णय में भी दिखती है। आज देश की संसद को, हमारा पवित्र सेंगोल प्रेरणा देता है। नई संसद की नई गैलरियां, पूरी दुनिया को भारत के लोकतंत्र की प्राचीनता से जोड़ती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में खड़े हैं तो यह भावना यहां भी उतनी ही सार्थक है। यह भवन भी उसी नवस्वर का प्रतीक है। जहां पुराने अनुभवों की ध्वनि और नए सपनों की ऊर्जा भी है। इस ऊर्जा के साथ हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है, एक ऐसे छत्तीसगढ़ की नींव बनानी है, जो विरासत से जुड़कर विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज आतंक के विनाश की प्रतिज्ञा करके आतंकियों की कमर तोड़ रहा है। भारत आज नक्सलवादी-माओवादी आतंक को भी समाप्त करने की तरफ बढ़ रहा है। भारत अभूतपूर्व विजय के गर्व से भरा हुआ है और यही भावना हमें आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए परिसर में चारों तरफ दिख रही है।