हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रहना चाहिए: राजनाथ सिंह

चीन के सैन्य शक्ति प्रदर्शन के बाद राजनाथ सिंह का बड़ा बयान

Photo: @rajnathsingh X account

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला, समावेशी और किसी भी प्रकार के दबाव से मुक्त रहना चाहिए। उनका यह बयान क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत दिखाने को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आया है।

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत आसियान के नेतृत्व वाले समावेशी क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के पक्ष में है। उन्होंने यह टिप्पणी मलेशिया के कुआलालंपुर में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (एडीएमएम-प्लस) सम्मेलन में की।

एडीएमएम-प्लस एक मंच है जिसमें 11 देशों का आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) और इसके आठ वार्ता साझेदार - भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं।

उन्होंने कहा, 'भारत का हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सुरक्षा दृष्टिकोण रक्षा सहयोग को आर्थिक विकास, प्रौद्योगिकी साझाकरण और मानव संसाधन उन्नयन के साथ एकीकृत करता है। सुरक्षा, विकास और स्थिरता के बीच अंतर्संबंध, आसियान के साथ साझेदारी के लिए भारत के दृष्टिकोण को परिभाषित करते हैं।'

उन्होंने कहा कि एडीएमएम-प्लस भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और व्यापक हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण का एक अनिवार्य घटक है। उन्होंने कहा कि साल 2022 में आसियान-भारत संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में विकसित करना क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के बढ़ते संरेखण को दर्शाता है।

जलवायु परिवर्तन पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पर्यावरणीय तनाव और संसाधनों की कमी प्रमुख सुरक्षा चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण और पूर्व चेतावनी प्रणालियों में भारत की विशेषज्ञता आसियान के लचीलेपन के प्रयासों को बढ़ा सकती है।

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