सीजेआई गवई ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत को अगला सीजेआई नियुक्त करने की सिफारिश की

वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश गवई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं

Photo: Supreme Court of India Website

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने केंद्र से अगले सीजेआई के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है।

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश गवई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत 23 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश (गवई) के सेवानिवृत्त होने के बाद 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे।

सूत्रों ने बताया कि इस वर्ष 14 मई को शपथ लेने वाले सीजेआई गवई ने केंद्रीय कानून मंत्रालय से न्यायमूर्ति सूर्यकांत को अगला सीजेआई नियुक्त करने की सिफारिश की है।

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने साल 1981 में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक किया था।

उन्होंने साल 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। वहीं, साल 1984 में हिसार जिला न्यायालय में वकालत शुरू की थी। साल 1985 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ गए थे।
 
वे संवैधानिक, सेवा और सिविल मामलों में विशेषज्ञता रखते हैं। इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों, बोर्डों, निगमों, बैंकों और स्वयं उच्च न्यायालय का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 7 जुलाई, 2000 को हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता नियुक्त होने का गौरव प्राप्त हुआ।

वे मार्च 2001 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए। इसके बाद 9 जनवरी, 2004 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने तक हरियाणा के महाधिवक्ता के पद पर रहे थे।

उन्हें 23 फरवरी, 2007 को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के शासी निकाय के सदस्य के रूप में 22 फरवरी, 2011 तक लगातार दो कार्यकाल के लिए नामित किया गया था। साल 2011 में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर डिग्री में प्रथम श्रेणी में स्थान का एक और गौरव प्राप्त किया था। 

इसके अलावा विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया। 05 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार ग्रहण किया था।

वे 24 मई, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। साथ ही, 12 नवंबर, 2024 से सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष हैं। वे 09 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे।

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