पुणे/दक्षिण भारत। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पुणे में सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आप सभी विद्यार्थी जब अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे, तब यह याद रखिएगा कि आपकी सफलता का वास्तविक अर्थ तभी है, जब वह समाज के काम आए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वास्तविक शिक्षा वह होती है, जो दूसरों के जीवन में रोशनी लाए। मुझे पूरा विश्वास है। किताबों में लिखा ज्ञान तब तक अधूरा है, जब तक वह किसी काम में नहीं आता। इसलिए आज की शिक्षा का असली उद्देश्य यह होना चाहिए कि जो सीखा है, उसे जीवन में कैसे उतारना है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा डेमोग्राफिक डिविडेंड तभी ताकत बनेगा, जब हर युवा स्किल्ड और प्रॉडक्टिव बनेगा। अगर हमारे पास स्किल नहीं है तो इस दौड़ती दुनिया में टिके रहना मुश्किल है। अगर स्किल है तो कोई ताकत आपको रोक नहीं सकती।
रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2014 के बाद से जब देश ने 'नए भारत' की दिशा में कदम बढ़ाया, तब प्रधानमंत्री ने बार-बार स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया की बात की, क्योंकि उन्होंने समझा कि अगर भारत को आत्मनिर्भर बनाना है तो सबसे पहले युवाओं को स्किल्ड बनाना होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी मुश्किल वक्त आए, दो चीजें हमेशा याद रखिए। पहली, दृढ़ विश्वास, और दूसरी धैर्य। अगर आपके अंदर विश्वास है और आप धैर्य रखते हैं तो कोई भी ऊंचाई आपके लिए दूर नहीं है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीज़ें हमारे लिए बहुत प्रतिकूल थीं। लेकिन हमने हार नहीं मानी। हमने रक्षा विनिर्माण को बढ़ाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया। हमारे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिलना हमें शुरू हुआ।
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आजादी के बाद से जो स्थितियां थी, उनको हमने तोड़ा। हमने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने सैनिकों के लिए हथियार खुद अपने देश में बनाएगा। बड़ी बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं ने भारत में बने उपकरणों का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अपनेआप में हमारी आत्मनिर्भरता का जीता-जागता प्रमाण है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं ने जिस शौर्य का प्रदर्शन किया, उसे पूरी दुनिया ने देखा।