करूर भगदड़ की सीबीआई जांच के आदेश पर बोले डॉ. मुरुगन- 'सच सामने आना चाहिए'

आरोप लगाया कि तमिलनाडु की जनता द्रमुक सरकार के कुशासन से त्रस्त है

Photo: @DrLMurugan X account

चेन्नई/दक्षिण भारत। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने सोमवार को कहा कि तमिलनाडु की जनता, जो द्रमुक सरकार के कुशासन से बुरी तरह त्रस्त है, गहरे संकट में है। यह सर्वविदित है कि इससे भयभीत द्रमुक सरकार विपक्षी दलों के नेताओं की सभाओं को उचित सुरक्षा और अनुमति न देकर अराजकता फैला रही है।

उन्होंने 'उच्चतम न्यायालय ने द्रमुक सरकार को फटकार लगाई' और 'करूर हत्याकांड का सच सामने आना चाहिए' — शीर्षक से अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि इसी संदर्भ में पिछले महीने की 27 तारीख को करूर में टीवीके नेता की एक चुनावी रैली के दौरान भगदड़ में 41 लोगों की मौत की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि पुलिस ने उस जनसभा की अनुमति देने, जगह का चयन करने और सुरक्षा सहित हर मामले में जिम्मेदारी से काम नहीं किया था। करूर में जनहानि की घटना में अपनी ज़िम्मेदारी ठीक से न निभाने वाली द्रमुक सरकार, टीवीके के ख़िलाफ़ भी एक कुत्सित अभियान चला रही है। सबको चिंता थी कि क्या द्रमुक सरकार की जांच में न्याय मिलेगा!

डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि ऐसे हालात में, इस मामले में अब द्रमुक सरकार को उच्चतम न्यायालय ने करारा झटका दिया है। करूर मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का आदेश न्यायालय ने दिया है। इसके साथ ही, उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल गठित करने का भी आदेश दिया गया है, जो कि स्वागत योग्य कदम है।

डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि इसके जरिए करूर में हुई उस भीषण घटना की सच्चाई जल्द ही सामने आएगी और संबंधित लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा — ऐसी उम्मीद अब पैदा हुई है।

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