नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि धन शोधन निरोधक कानून के तहत डिजिटल या ऑनलाइन गिरफ्तारी की कोई अवधारणा नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ऐसी प्रक्रिया सिर्फ व्यक्तिगत रूप से करता है।
ईडी द्वारा यह बात 'डिजिटल गिरफ्तारी' की बढ़तीं घटनाओं की पृष्ठभूमि में कही गई है। डिजिटल गिरफ्तारी एक साइबर अपराध है, जिसमें अपराधी ऑनलाइन मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर कॉल करके लोगों को धोखा देते हैं और बदले में पैसे मांगते हैं।
उसने कहा कि यह दोहराया जाता है कि ईडी द्वारा की गईं गिरफ्तारियां उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद और व्यक्तिगत रूप से की जाती हैं।
ईडी ने कहा, 'धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत डिजिटल गिरफ्तारी या ऑनलाइन गिरफ्तारी की कोई अवधारणा नहीं है।'
ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) को भी लागू करता है, लेकिन नागरिक कानून होने के कारण इसमें किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है।
ईडी ने पहले भी डिजिटल गिरफ्तारी और फर्जी समन के खिलाफ ऐसी सलाह जारी की थी, लेकिन उसने एक ताजा बयान जारी कर कहा कि वह ऐसा फिर से कर रहा है, क्योंकि उसने देखा है कि 'कुछ ठगों ने धोखाधड़ी या जबरन वसूली के इरादे से लोगों को समन भेजे हैं।'