नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां कौशल दीक्षांत समारोह में विभिन्न युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह समारोह इस बात का प्रतीक है कि आज का भारत कौशल को कितनी प्राथमिकता देता है। आज देशभर के नौजवानों के लिए शिक्षा और कौशल विकास की दो और बड़ी योजनाएं लॉन्च हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समारोह के पीछे का विचार यही था कि जब तक हम श्रम को प्रतिष्ठा नहीं देंगे, हुनर के साथ जो लोग काम करते हैं, जिनमें सामर्थ्य है, उनका सार्वजनिक जीवन में सम्मान नहीं होगा, तो शायद वे अपने आप को कम महसूस करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ वर्ष पहले, हमारी सरकार ने आईटीआई छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह आयोजित करने की परंपरा शुरू की थी। आज, हम इस गौरवशाली परंपरा का एक और अध्याय देख रहे हैं। मैं भारत के कोने-कोने से हमारे साथ जुड़ने वाले सभी युवा आईटीआई छात्रों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईटीआई और औद्योगिक शिक्षा न केवल आत्मनिर्भर भारत के बेहतरीन संस्थान हैं, बल्कि ये आत्मनिर्भर भारत की वर्कशॉप भी हैं। 21वीं सदी की मांग है कि हम देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लोकल टैलेंट, लोकल रिसोर्सेस और लोकल नॉलेज को तेजी से आगे बढ़ाएं। इसमें हमारे हजारों आईटीआई की बहुत बड़ी भूमिका है।