सौर क्रांति का नेतृत्व करे भारत

20 लाख घर सौर ऊर्जा से रोशन हुए

यह योजना कई मायनों में क्रांतिकारी है

प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत अब तक 20 लाख घरों को सौर ऊर्जा से रोशन करने का आंकड़ा देश की एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पता चलता है कि भारत न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि सौर क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस योजना के तहत वर्ष 2027 तक एक करोड़ घरों की छतों पर सौर प्रणाली स्थापित करने का लक्ष्य है, जो असंभव नहीं है। भारत जिस तरह तमाम बाधाओं को पार कर डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में नए कीर्तिमान रच रहा है, उसी तरह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है। यह योजना कई मायनों में क्रांतिकारी है। यह पर्यावरण को फायदा पहुंचा रही है। साथ ही, आम नागरिकों के जीवन को आसान बना रही है। कुछ साल पहले तक ग्रामीण क्षेत्रों में लोग रात को चिमनी या लालटेन जलाने को विवश थे। उनके घरों तक बिजली पहुंचाना ही बड़ी बात थी। अब केंद्र सरकार एक कदम और आगे बढ़ाते हुए उन्हें सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से जोड़ रही है। इससे लोगों का जीवन स्तर और बेहतर होगा। भारत भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत विविधतापूर्ण देश है। यहां ऊर्जा की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा वरदान साबित हो सकती है। कोयला और तेल जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है। पहले, गांवों में जो महिलाएं पारंपरिक ईंधन जलाकर काम करती थीं, उन्हें कम उम्र में ही आंखों और फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने लगती थीं। इस तरह महिलाओं के लिए यह योजना ज्यादा राहत लेकर आई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग इस वजह से बिजली का कनेक्शन लेने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण हर महीने बिल नहीं चुका सकते। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना उनके लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। जो लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं, उनके बिजली बिलों में काफी कमी आई है। यह योजना विकास के आधार पर गांव और शहर के अंतर को दूर कर रही है। दोनों ही क्षेत्रों के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन हो रहा है। आने वाले वर्षों में स्थानीय स्तर पर रोजगार की नई संभावनाएं आकार लेंगी। सौर पैनलों की स्थापना, रखरखाव और तकनीकी मदद के लिए कुशल पेशेवरों की जरूरत होगी। इस योजना की राह में कुछ दिक्कतें भी हैं। कई परिवारों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे सौर पैनल लगवा सकें। वहीं, जागरूकता की कमी के कारण कई परिवार दायरे से दूर हैं। योजना से होने वाले फायदों के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक जानकारी पहुंचानी चाहिए। प्रचार के लिए सोशल मीडिया प्रभावी माध्यम हो सकता है। इस पर योजना को लेकर लोगों के सुखद अनुभव साझा करने से अन्य परिवार भी जुड़ने के इच्छुक होंगे। 'पहले बिजली की क्या स्थिति थी, अब क्या स्थिति है, पहले कितना बिल आता था, अब कितना आता है, परिवार को क्या फायदा हुआ, जीवन स्तर में क्या बदलाव आया, भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं' - जैसे सवालों के जवाब इस योजना के प्रसार में सहायक सिद्ध होंगे। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की रफ्तार तेज करनी होगी। भारत को सौर क्रांति के दौर में उस मुकाम को हासिल करना होगा, जहां हर देश इसके अनुभवों से लाभान्वित होना चाहे। समस्त देशवासियों की भागीदारी से ही कामयाबी की यह कहानी लिखी जाएगी।

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