नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार की 'मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना' का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नवरात्र के पावन दिनों में बिहार की नारी शक्ति के साथ उनकी खुशियों में शामिल होने का अवसर मिला है। इस पावन पर्व पर आप सबका आशीर्वाद, हम सबके लिए एक बहुत बड़ी शक्ति है। मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब यह प्रक्रिया चल रही थी, तब मैं सोच रहा था कि आज नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार की बहनों-बेटियों के लिए कितना बड़ा और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है! जब कोई बहन या बेटी रोजगार या स्वरोजगार करती है, तो उसके सपनों को नए पंख लग जाते हैं तथा समाज में उसका सम्मान और भी बढ़ जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार' योजना शुरू की जा रही है। इस योजना से अब तक 75 लाख बहनें जुड़ चुकी हैं। अभी एक साथ इन सभी 75 लाख बहनों के बैंक अकाउंट में 10–10 हजार रुपए भेजे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरी बात जो मेरे मन में आई, वह यह थी कि अगर हमने 11 साल पहले, जब आपने मुझे प्रधान सेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया, तब जनधन का संकल्प न लिया होता और जनधन योजना के तहत बहन-बेटियों के बैंक खाते न खुलवाए होते और बैंक खाते को मोबाइल से न जोड़ा होता, तो क्या आज हम ये पैसे आपके बैंक खाते में भेज पाते? पहले एक प्रधानमंत्री कहा करते थे कि दिल्ली से अगर एक रुपया भेजा जाता है तो सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं। 85 पैसे कोई पंजा मार लेता है। आज ये जो 10–10 हजार रुपए भेजे गए हैं, इन्हें कोई लूट नहीं सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ही मुझे 'जीविका निधि साख सहकारी संघ' शुरू करने का अवसर मिला था। अब इस व्यवस्था की ताकत 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार' योजना के साथ जुड़ जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने केंद्र सरकार के लखपति दीदी अभियान को भी नई मजबूती दी है। केंद्र सरकार ने देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 2 करोड़ से अधिक बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। उनकी मेहनत से गांव बदला है, समाज बदला है और परिवार का रुतबा भी बदला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की मुद्रा योजना, ड्रोन दीदी अभियान, बीमा सखी अभियान, बैंक दीदी अभियान - ये सभी आपके लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बना रहे हैं। हमारा एक ही लक्ष्य है- आपके सपने पूरे हों!
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बिहार में राजद की सरकार थी, लालटेन का राज था, उस दौरान अराजकता और भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा मार बिहार की महिलाओं ने ही झेली थी। वह दिन याद कीजिए जब बिहार की सड़कें टूटी-फूटी होती थीं, पुल-पुलिया का नामोनिशान नहीं था। तब सबसे ज्यादा तकलीफ किसे होती थी?
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाढ़ में परेशानी इतनी बढ़ जाती थी कि गर्भवती महिलाएं समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाती थीं। उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता था। इन कठिन परिस्थितियों से आपको बाहर निकालने के लिए हमारी सरकार ने दिन-रात काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब गांव में गैस का कनेक्शन एक बहुत बड़ा सपना होता था। माताएं-बहनें रसोई में खांस-खांस कर अपना जीवन बिताती थीं। फेफड़ों की बीमारी आम थी, यहां तक कि आंखों की रोशनी चली जाती थी। इन सबसे बचाने के लिए हम उज्ज्वला योजना लेकर आए और घर-घर तक गैस कनेक्शन पहुंचाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई सरकार महिलाओं को केंद्र में रखकर नीति बनाती है तो उसका फायदा समाज के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ता है। उदाहरण के लिए, उज्ज्वला योजना से कितना बड़ा बदलाव आया है, यह आज पूरी दुनिया देख रही है।