नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि लद्दाख के लोगों की परेशानी और पीड़ा को देखते हुए सरकार को अपनी अंतरात्मा को जगाना होगा, न सिर्फ और ज्यादा बातचीत के लिए, बल्कि उनकी वैध आकांक्षाओं को पूरी तरह से जल्द से जल्द पूरा करने के लिए।
विपक्षी पार्टी का यह बयान राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बुधवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बाद आया है, जिसमें चार लोग मारे गए और 90 अन्य घायल हो गए थे।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि छह साल पहले जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तब वहां के लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन आज हालात बिल्कुल अलग हैं। लोग गहरी निराशा और मोहभंग की स्थिति में हैं, क्योंकि उन्होंने देखा है: उनकी जमीन और रोजगार के अधिकार गंभीर खतरे में हैं। स्थानीय प्रशासन और निर्वाचित निकायों पर पूरी तरह उपराज्यपाल और नौकरशाही का नियंत्रण है।
जयराम रमेश ने कहा कि संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा और निर्वाचित विधायिका की उनकी जायज़ मांगों पर सिर्फ़ बैठकें होती रही हैं, कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा यथास्थिति का एकतरफ़ा उल्लंघन और प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून, 2020 को चीन को दी गई क्लीन चिट ने भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है।
जयराम रमेश ने कहा कि लद्दाख भारत के लिए सांस्कृतिक, आर्थिक, पारिस्थितिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। लद्दाख के लोग हमेशा से अपने मूल में गौरवान्वित भारतीय रहे हैं। उनकी पीड़ा और वेदना भारत सरकार की अंतरात्मा को जगानी चाहिए- न केवल और अधिक बातचीत के लिए, बल्कि उनकी वैध आकांक्षाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ठोस और वास्तविक प्रयास होना चाहिए।