कांग्रेस सरकार की नीतियों ने देश के नौजवानों का बहुत नुकसान किया: मोदी

प्रधानमंत्री ने भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम को संबोधित किया

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भावनगर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम तो भावनगर में हो रहा है, लेकिन कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान का है। पूरे भारत में समुद्र से समृद्धि से जाने की ओर हमारी दिशा क्या है, उसके लिए आज इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का केंद्र भावनगर को चुना गया है। गुजरात और भावनगर के लोगों को बहुत-बहुत बधाई। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 17 सितंबर को आप सबने अपने नरेंद्र भाई को जो शुभकामनाएं भेजीं, देश और दुनिया से जो मुझे शुभकामनाएं मिलीं... व्यक्तिगत तौर पर सबका धन्यवाद करना संभव नहीं है, लेकिन भारत के कोने-कोने से, विश्वभर से यह जो प्यार मिला है, आशीर्वाद मिले हैं...  यह मेरी बहुत बड़ी संपत्ति है, बहुत बड़ी ताकत है। इसलिए मैं आज सार्वजनिक रूप से देश और दुनिया के सभी महानुभावों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती से हनुमान जयंती तक, 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक ... पूरे देश में लाखों लोग सेवा पखवाड़ा मना रहे हैं। मुझे बताया गया है कि गुजरात में भी, पिछले दो-तीन दिनों में ही सेवा पखवाड़ा के दौरान बहुत जगह कार्यक्रम हुए, सैकड़ों जगहों पर रक्तदान शिविर लगे और इनमें अब तक एक लाख लोग रक्तदान कर चुके हैं। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनमें लाखों लोगों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं ऐसे समय में भावनगर आया हूं, जब नवरात्र का पर्व शुरू होने वाला है। इस बार जीएसटी में कमी की वजह से बाजारों में रौनक भी ज्यादा रहने वाली है। उत्सव के इसी माहौल में आज हम समुद्र से समृद्धि का महा-उत्सव मना रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत आज समुद्र को बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। थोड़ी देर पहले यहां बंदरगाह आधारित विकास को गति देने के लिए हजारों करोड़ रुपए का शिलान्यास और उद्धाटन किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज विश्वबंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। सच्चे अर्थ में अगर हमारा कोई दुश्मन है, तो वह है— दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता...। यही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है और हमें मिलकर भारत के इस दुश्मन को हराना ही होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता, उतनी ज्यादा देश की विफलता। विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत की हर सामर्थ्य को नजरअंदाज किया, इसलिए आजादी के छह-सात दशकों बाद भी भारत वह सफलता हासिल नहीं कर पाया, जिसके हम हकदार थे। इसके दो बड़े कारण रहे- लंबे समय तक कांग्रेस सरकार ने देश को लाइसेंस-कोटा राज में उलझाए रखा। दुनिया के बाजार से अलग-थलग रखा। कांग्रेस सरकार की नीतियों ने देश के नौजवानों का बहुत नुकसान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2047 तक हमें विकसित होना है तो भारत को आत्मनिर्भर होना ही होगा। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। 140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए- चिप हो या शिप... हमें भारत में ही बनाने होंगे। इसी सोच के साथ आज भारत समुद्री क्षेत्र भी नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म करने जा रहा है। देश के समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक बहुत ऐतिहासिक निर्णय हुआ है। अब सरकार ने बड़े जहाजों को आधारभूत संरचना के रूप में मान्यता दे दी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत एक अलग मिज़ाज के साथ आगे बढ़ रहा है। हम जो लक्ष्य तय करते हैं, उसे अब समय से पहले पूरा करके भी दिखाते हैं। सोलर सेक्टर में भारत अब अपने लक्ष्यों को चार-चार, पांच-पांच साल पहले हासिल कर रहा है।

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