बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने राज्य की विरासत और प्रगति का जिक्र करते हुए आतिथ्य सत्कार क्षेत्र को नए आयाम देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'कल (गुरुवार को) मुझे बेंगलूरु में 55वें एफएचआरएआई वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 'फ्यूचरस्केप 2047: नए भारत के लिए आतिथ्य की पुनर्परिभाषा' विषयवस्तु नवाचार, समावेशिता और स्थिरता के हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'कर्नाटक - हम्पी के कालातीत पत्थरों से लेकर बेंगलूरु की तकनीक-संचालित भावना तक - विरासत और प्रगति के संगम पर स्थित है। यहां पर्यटन फलफूल रहा है। राज्य में साल 2024 में घरेलू पर्यटकों की तादाद 30.46 करोड़ रही, जो 2022 से 58 प्रतिशत की वृद्धि है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में भी तेज़ी से वृद्धि हुई है। इस वृद्धि ने 12 लाख से ज़्यादा रोज़गारों को बढ़ावा दिया है और हमारी अर्थव्यवस्था में 25,000 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'बेंगलूरु भारत का प्रमुख एमआईसीई केंद्र है, जहां 15 प्रतिशत राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जबकि इको-टूरिज्म में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे हमारे पश्चिमी घाट संरक्षित हैं। पिछले वर्ष, हमने संतुलित विकास सुनिश्चित करते हुए, ऑफबीट स्थलों पर 500 से ज्यादा होमस्टे और 50 होटलों को मंजूरी दी थी।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'हमारी पर्यटन नीति 2024-29 कर्नाटक को भारत का नंबर 1 गंतव्य बनाने का खाका है। इसका लक्ष्य 1.5 लाख नए रोज़गार, 8,000 करोड़ रुपए का निवेश है, जो चार स्तंभों पर आधारित है: बुनियादी ढांचा, कौशल, स्थिरता और वैश्विक ब्रांडिंग। 54 नए होटलों के लिए सब्सिडी, क्रूज़ पर्यटन के लिए 200 करोड़ रुपए और विश्वस्तरीय सुविधाओं पर पहले से ही काम चल रहा है। प्रवासी मित्रों के माध्यम से, हम साल 2026 तक 1,000 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं और 50,000 युवाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप कौशल प्रदान कर रहे हैं।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'सिर्फ़ नीति काफ़ी नहीं है। इस क्षेत्र के असली निर्माता आप हैं- होटल व्यवसायी, रेस्टोरेंट मालिक और आतिथ्य क्षेत्र के अग्रणी। साल 2047 की ओर देखते हुए, आइए हम एक ऐसा निर्बाध, तकनीक-आधारित, टिकाऊ आतिथ्य सत्कार क्षेत्र का निर्माण करें जो हमारे लोगों को सशक्त बनाए, हर क्षेत्र का उत्थान करे और हर आगंतुक के लिए अमिट यादें छोड़ जाए।'
सिद्दरामय्या ने कहा, 'मैं उद्योग जगत को इस रोमांचक यात्रा में कर्नाटक के साथ निवेश, नवाचार और साझेदारी के लिए आमंत्रित करता हूं। आइए, हम सब मिलकर नए भारत के लिए आतिथ्य सत्कार क्षेत्र को नई परिभाषा दें।'