एआई की चमक का दूसरा पहलू

यह एक मानव-निर्मित प्रणाली है

इसमें कई खामियां हो सकती हैं

एआई जिस तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है, उसके साथ कई गंभीर खतरे भी पैदा हो रहे हैं। अब लोग सोशल मीडिया ट्रेंड को फॉलो करते समय एआई का इस्तेमाल करने लगे हैं। चाहे किसी तस्वीर को खास स्वरूप देना हो या किसी सलाह पर अमल करना हो, इनके पीछे लोगों की सोच यह होती है कि हम पीछे न रह जाएं। किसी एआई प्लेटफॉर्म को अपनी निजी जानकारी देना कितना सुरक्षित है? ऐसी कोई सलाह, जिसके पीछे एआई का इस्तेमाल किया गया हो, उस पर अमल करना कहां तक उचित है? अब हमें इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने और जागरूकता का प्रसार करने की जरूरत है। अन्यथा भविष्य में ऐसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिनका समाधान ढूंढ़ना बहुत मुश्किल हो जाएगा। लोग जिज्ञासावश एआई प्लेटफॉर्म को खूब आजमा रहे हैं। वे उनके नतीजों से अचंभित हैं। अगर उनके द्वारा एआई को सौंपा जाने वाला डेटा किसी दिन गलत हाथों में पड़ गया तो क्या होगा? यूं तो कंपनियां निजता, गोपनीयता और सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन उन पर संबंधित नियमों के उल्लंघन के आरोप भी लगे हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर जो 'एआई साड़ी ट्रेंड' चल रहा है, उस पर ही निजता संबंधी सवाल खड़े हो रहे हैं। एक युवती ने जब एआई की मदद से अपनी तस्वीर बनाई तो वह नतीजों को देखकर हैरान रह गई! एआई को उसकी बांह पर मौजूद तिल के बारे में पहले से पता था! यह तो सिर्फ एक उदाहरण है। पिछले दिनों लोगों ने एक और अनूठे ट्रेंड के नाम पर अपनी तस्वीरें बहुत अपलोड की थीं। भविष्य में वह क्या गुल खिलाएगा? इस पर विचार करना चाहिए।

हाल में अमेरिका में एक महिला के दावे ने सनसनी फैला दी थी कि उसका आपत्तिजनक वीडियो किसी वेबसाइट पर प्रसारित हो रहा है। जब उसने वीडियो की जांच-पड़ताल की तो मालूम हुआ कि किसी ने उसके सोशल मीडिया अकाउंट से सामान्य तस्वीरें डाउनलोड कर एक एआई टूल की मदद से आपत्तिजनक वीडियो बना दिया था। इसी तरह, भारत में एक महिला ने किसी प्रसिद्ध धर्मगुरु का वीडियो देखा, जो निवेश संबंधी सलाह दे रहे थे। चूंकि महिला उन धर्मगुरु में बहुत श्रद्धा रखती थीं, इसलिए उन्होंने तुरंत उस योजना में 3.75 करोड़ रुपए निवेश कर दिए। बाद में पता चला कि वह वीडियो फर्जी था और निवेश योजना भी फर्जी थी। महिला की जीवनभर की बचत चली गई! साइबर ठगों ने उन धर्मगुरु का वीडियो कहीं से डाउनलोड किया होगा और एआई टूल की मदद से उन्हीं की आवाज में अपनी फर्जी निवेश योजना का प्रचार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की अदालत में आए एक विचित्र मामले ने वकील को मुश्किल में डाल दिया। दरअसल वकील ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए कुछ पुराने मामलों का उल्लेख किया था। जब न्यायाधीश ने उन मामलों की जांच की तो पता चला कि उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था! बाद में वकील ने स्वीकार किया कि एआई की मदद से यह सूची तैयार की थी। उन्होंने इसके लिए माफी मांगी और कहा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे। एक व्यक्ति कई दिनों से किसी स्वास्थ्य समस्या से परेशान था। उसने एआई चैटबॉट को अपनी तकलीफ बताई और दी गई सलाह पर अमल करने के बाद उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गई कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। एआई एक मानव-निर्मित प्रणाली है, जिसमें कई खामियां हो सकती हैं। इसका सदुपयोग और दुरुपयोग, दोनों संभव हैं। अपनी सुरक्षा के लिए यही बेहतर होगा कि इसे कोई निजी जानकारी न सौंपें और इसकी हर सलाह पर आंखें मूंदकर भरोसा न करें। अपने विवेक से काम लें।

About The Author: News Desk