नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यहां इंदिरा भवन में 'विशेष प्रेस वार्ता' की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।
राहुल गांधी ने कहा कि चुनावों में धांधली हो रही है। मैं, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के बारे में एक मज़बूत दावा करने जा रहा हूं। मैं भारत के लोगों को इसका बिल्कुल साफ़ और स्पष्ट सबूत दिखाने जा रहा हूं कि भारत का चुनाव आयोग उन लोगों को बचा रहा है, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नष्ट किया है। मैं आपको वोट जोड़ने और हटाने का तरीका और यह कैसे किया जाता है, यह भी बताने जा रहा हूं।
राहुल गांधी ने वर्ष 2023 में कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र से वोटों को हटाने के कथित प्रयासों का विवरण दिया। उन्होंने महाराष्ट्र के राजुरा निर्वाचन क्षेत्र का उदाहरण भी दिया, जहां दावा किया कि स्वचालित सॉफ्टवेयर का उपयोग करके धोखाधड़ी से मतदाताओं को जोड़ा गया था।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, 'मैं ज्ञानेश कुमार के बारे में एक गंभीर दावा करने जा रहा हूं। मैं यह हल्के में नहीं कह रहा हूं। मुख्य चुनाव आयुक्त वोट चोरों और भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचा रहे हैं।'
उन्होंने दावा किया कि कोई व्यक्ति पूरे भारत में लाखों मतदाताओं के नाम हटाने के लिए उन्हें व्यवस्थित तरीके से निशाना बना रहा है।
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं विपक्ष का नेता हूं और ऐसा कुछ नहीं कहूंगा जो 100 प्रतिशत प्रमाण पर आधारित न हो।'
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अलंद में किसी ने 6,018 वोटों को हटाने की कोशिश की और संयोगवश वह पकड़ा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम व्यवस्थित तरीके से हटाए जा रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, 'बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है और पता चला कि उसके पड़ोसी ने उसके चाचा का वोट डिलीट कर दिया है। उसने अपने पड़ोसी से पूछा, तो उसने कहा कि उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है। पता चला कि किसी और ताकत ने पूरी प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट डिलीट कर दिया - और संयोग से यह बात पकड़ में आ गई।'
उन्होंने दावा किया कि 6,018 आवेदन मतदाताओं के नाम पर दाखिल किए गए और ये आवेदन कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबरों का उपयोग करके स्वचालित रूप से दाखिल हुए। उन्होंने कहा कि यह विलोपन एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके किया जा रहा है।
कर्नाटक में चल रही जांच का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं और कुछ बहुत ही साधारण तथ्य मांगे हैं, जैसे कि गंतव्य आईपी जहां से ये आवेदन भरे गए थे और ओटीपी ट्रेल्स।
राहुल गांधी ने दावा किया कि वे इसे इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां किया जा रहा है।
उन्होंने ज्ञानेश कुमार पर ऐसा करने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा, 'चुनाव आयोग जानता है कि यह कौन कर रहा है। मैं चाहता हूं कि भारत का हर युवा यह जाने। वे आपके भविष्य के साथ ऐसा कर रहे हैं। जब वे यह जानकारी नहीं दे रहे हैं, तो वे लोकतंत्र के हत्यारों का बचाव कर रहे हैं।'
एक सितंबर को अपनी मतदाता अधिकार यात्रा के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी पार्टी जल्द ही 'वोट चोरी' के बारे में खुलासे का 'हाइड्रोजन बम' लेकर आएगी और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।
पिछले महीने, राहुल गांधी ने साल 2024 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया था कि कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में हेरफेर के माध्यम से एक लाख से ज्यादा वोट 'चुराए' गए थे, और कहा था कि 'वोट चोरी' हमारे लोकतंत्र पर एक 'परमाणु बम' है।