इस्लामाबाद/दक्षिण भारत। पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक 'रणनीतिक पारस्परिक रक्षा' समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दोनों देशों में से किसी पर भी हमला 'दोनों के खिलाफ आक्रमण' माना जाएगा।
एक संयुक्त बयान के अनुसार, इस समझौते पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को पाकिस्तानी नेता की खाड़ी साम्राज्य की एक दिवसीय यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए।
यह समझौता कतर में हमास नेतृत्व पर इजरायल के हमले के कुछ दिनों बाद हुआ है, जो खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका का एक प्रमुख सहयोगी है।
संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, सामरिक पारस्परिक रक्षा समझौते में कहा गया है कि किसी भी देश के विरुद्ध किसी भी आक्रमण को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा।
इसमें कहा गया है, 'यह समझौता, जो दोनों देशों की अपनी सुरक्षा बढ़ाने तथा क्षेत्र और विश्व में सुरक्षा और शांति प्राप्त करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के पहलुओं को विकसित करना और किसी भी आक्रमण के खिलाफ संयुक्त प्रतिरोध को मजबूत करना है।'
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि भारत इस कदम के राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा।
इस मुद्दे पर मीडिया के एक प्रश्न के उत्तर में जायसवाल ने कहा कि नई दिल्ली भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने तथा सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद हुआ है।
पाकिस्तान-सऊदी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, यह समझौता सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच लगभग आठ दशकों से चली आ रही ऐतिहासिक साझेदारी पर आधारित है। यह भाईचारे और इस्लामी एकजुटता के बंधनों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक हितों और घनिष्ठ रक्षा सहयोग पर आधारित है।
दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों तथा साझा हित के कई विषयों की भी समीक्षा की।
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में शरीफ ने गुरुवार को कहा कि उनकी बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, क्षेत्रीय चुनौतियों की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया गया।