पूरा ध्यान रखेंगे कि किसी भी किसान के साथ पानी के वितरण में अन्याय न हो: डीके शिवकुमार

उपमुख्यमंत्री ने हेमावती लिंक केनाल के कार्यों का निरीक्षण किया

Photo: @DKShivakumar X account

तुमकूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को तुमकूरु ज़िले के सुनकापुरा में टी.बी. केनाल के 70वें किलोमीटर पर हेमावती लिंक केनाल के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह निरीक्षण पूर्व मंत्री टी.बी. जयचंद्र, विधायक गुब्बी श्रीनिवास, डॉ. रंगनाथ और अधिकारियों के साथ मिलकर किया गया। 

डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं हूं, बल्कि कर्नाटक के सिंचाई मंत्री के रूप में तुमकूरु के सभी क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दे रहा हूं। तुमकूरु जिला मेरे लिए अत्यंत निकट और प्रिय है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि जब मैं पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार में सिंचाई मंत्री था, तब इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी। बाद में जब येडीयुरप्पा की सरकार आई तो इस परियोजना को स्थगित कर दिया गया। उस समय यह कार्य सिर्फ 600 करोड़ रुपए में पूरा हो सकता था, लेकिन अब इसकी लागत बढ़कर 1,000 करोड़ रुपए हो गई है।

डीके शिवकुमार ने कहा कि हम पहले ही इस परियोजना के पाइपों की खरीद के लिए 400 करोड़ रुपए जारी कर चुके हैं। यह कार्य चार से पांच महीनों में पूरा किया जा सकता है। समुद्र में बहकर जाने वाले पानी का उपयोग किसानों के फायदे के लिए किया जाना चाहिए। इसके लिए नहरों के जरिए पानी पहुंचाने का काम होना चाहिए।

डीके शिवकुमार ने कहा कि हमारी यह परियोजना एक विकास कार्य है, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। तुमकूरु ज़िले के विकास के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। किसी भी किसान के साथ पानी के वितरण में कोई अन्याय न हो, इसका हम पूरा ध्यान रखेंगे।

डीके शिवकुमार ने कहा कि संघर्ष करने वालों से मेरी एक विनती है— जैसे हम दूसरे राज्यों के साथ पानी के लिए संघर्ष करते हैं, वैसे ही आपस में संघर्ष करना ठीक नहीं है। हम सभी एक ही राज्य के लोग हैं, हमने खून और रिश्ते साझा किए हैं। इसलिए हमें सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए।

डीके शिवकुमार ने कहा कि इस परियोजना में हर तालुका को जितना पानी आवंटित किया गया है, उतना ही उपयोग करने की अनुमति है। किसी भी अवैध गेट को लगाने की अनुमति नहीं है। 'सबको समान हिस्सा, सबको समान जीवन' के सिद्धांत पर ही हमने इस परियोजना को लागू किया है।

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